Edited By Deepak Paul, Updated: 31 Oct, 2018 06:20 PM
यमुनानगर के फर्कपुर गांव में एक महिला उस काम की सजा भुगत रही है, जो उसने किया ही नहीं है। पति से मिली लाइलाज बीमारी एचअाईवी के कारण उसकी जिंदगी नासूर बन गई। पति की मौत के बाद जन्म लेते ही उसके बच्चे ने भी दोम तोड़ दिया। इन हालात में ससुरालियों ने भी...
यमुनानगर (सुमित अोबरॉय): यमुनानगर के फर्कपुर गांव में एक महिला उस काम की सजा भुगत रही है, जो उसने किया ही नहीं है। पति से मिली लाइलाज बीमारी एचअाईवी के कारण उसकी जिंदगी नासूर बन गई। पति की मौत के बाद जन्म लेते ही उसके बच्चे ने भी दोम तोड़ दिया। इन हालात में ससुरालियों ने भी अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने महिला को घर से बाहर निकाल दिया। पीड़िता ने पुलिस में इस बात की शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं, चंडीगढ़ के सेक्टर 32 स्थित अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि उसकी शादी 2015 में हुई थी। शादी भी उसे धोखे में रखकर की गई। ससुरालियों ने बताया कि उनका लड़के में कोई भी ऐब नहीं है, लेकिन शादी के बाद पता लगा कि वह नशा करता है। उसे नशा मुक्ति केंद्र में भी रखा गया। लेकन वह ठीक नहीं हुअा। शादी के डेढ़ साल बाद ही एचअाईवी की वजह से उसके पति की मौत हो गई। प्रेग्नेंट होने पर जब महिला का टेस्ट अस्पताल में करवाया गया तो रिपोर्ट एचअाईवी पॉजिटिव अाई, जिसके बाद उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। हालांकि, इस दौरान पैदा हुए उसके बच्चे की भी मौत हो गई।
पति और बच्चे को खोने के बाद दुखों से घिरी महिला पर ससुराल वालों को भी तरस नहीं अाया। उन्होंने पीड़िता को घर से बाहर निकाल दिया। पीड़िता ने बताया कि एचअाईवी की रिपोर्ट मिलते ही ससुरालियों का व्यवहार उसके प्रति बदल गया। उसे घर में रखी किसी भी चीज को छूने से भी मना कर दिया गया। इतना ही नहीं, ससुराल वालों ने उसे घर से ही बाहर निकाल दिया। अब शिकायत दर्ज होने के बाद मामला महिला संरक्षण टीम के सामने पहुंचा है। महिला के ससुराल वालों को बुलाया गया तो उनका कहना था कि महिला को एचअाईवी है, जिस वजह से उनके बेटे की मौत हुई है, इसलिए वे उसे अपने घर में साथ नहीं रख सकते।