हाई कोर्ट का फैसला- पहली पत्नी सहमत तो दूसरी पत्नी विधवा पेंशन की हकदार

Edited By Shivam, Updated: 03 Apr, 2021 07:54 PM

high court verdict first wife agrees and second wife deserves widow pension

अगर किसी सैनिक की पहली पत्नी अपने अधिकार त्याग कर सैनिक की दूसरी पत्नी के पक्ष में पेंशन व अन्य लाभ का भुगतान करने की सहमति देती है तो सेना को सभी लाभ उसे देने होंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह आदेश भारतीय सेना के तोपखाने के रिकार्ड अधिकारी...

चंडीगढ़ (धरणी): अगर किसी सैनिक की पहली पत्नी अपने अधिकार त्याग कर सैनिक की दूसरी पत्नी के पक्ष में पेंशन व अन्य लाभ का भुगतान करने की सहमति देती है तो सेना को सभी लाभ उसे देने होंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह आदेश भारतीय सेना के तोपखाने के रिकार्ड अधिकारी की अपील को खारिज करते हुए दिए। सैनिक मोहिंदर सिंह की पहली पत्नी ने तलाक के बगैर एक अन्य व्यक्ति से शादी कर ली थी। 

बाद में, मोहिंदर सिंह ने दलजीत कौर नामक महिला से शादी कर ली, लेकिन सेना रिकार्ड में पहली पत्नी का ही नाम दर्ज था। जब दलजीत कौर ने मोहिंदर सिंह की विधवा होने के नाते पेंशन लाभ का दावा किया तो सेना ने मना कर दिया। पहली पत्नी ने बयान दिया कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, अगर पेंशन लाभ को दलजीत कौर के पक्ष में जारी किया जाता है, लेकिन सेना ने इसे नकार दिया। 

विवाद अंबाला जिले के निवासी तोपची रेजिमेंट के सेवानिवृत्त मोहिंदर सिंह की विधवा को लाभ देने का था। भारतीय सेना के तोपखाने में रिकार्ड अधिकारी द्वारा हाई कोर्ट में दायर अपील में अंबाला कोर्ट के आदेश के चुनौती दी गई थी। अंबाला कोर्ट ने भी दूसरी पत्नी को पेंशन व लाभ देने का आदेश दिया था। मामले में कोर्ट को बताया गया कि निचली अदालत अंबाला में मामले की सुनवाई के दौरान, मोहिंदर सिंह की पहली पत्नी बंत कौर ने बयान दिया था कि उसकी शादी 1960 में मोहिंदर सिंह से हुई थी और एक बेटी पैदा हुई थी। 

पहली पत्नी ने बताया कि उसे 1964 में मोहिंदर सिंह ने छोड़ दिया था, जिसके बाद उसने करतार सिंह से दोबारा शादी कर ली। उन्होंने यह भी बयान दिया कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है अगर पेंशन लाभ को दलजीत कौर के पक्ष में जारी किया जाता है। उनके बयान के आधार पर, निचली अदालत ने सेना के अधिकारियों को मोहिंदर की दूसरी पत्नी दलजीत कौर को लाभ व पेंशन देने के लिए कहा गया। 

इन आदेशों से रिकार्ड अधिकारी ने हाई कोर्ट के समक्ष अपील दायर कर चुनौती दी। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि मोहिंदर सिंह ने दलजीत कौर के साथ शादी की थी और उनको चार बच्चे पैदा हुए, लेकिन सेना के अधिकारियों ने कहा कि पेंशन का लाभ दलजीत कौर को नहीं दिया जा सकता,क्योंकि बंत कौर ने कभी भी मोहिंदर सिंह को तलाक नहीं दिया था और सेना रिकार्ड में अभी भी पत्नी के नाम पर बंत कौर का नाम दर्ज है। 

सभी पक्षों को सुनकर हाई कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है, स्वर्गीय मोहिंदर सिंह ने दलजीत के साथ पुनर्विवाह किया था और उसके चार बच्चे हैं, पहली पत्नी बंत कौर ने करतार सिंह के साथ दोबारा शादी भी की थी। इनको अनदेखा नहीं किया जा सकता। जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने कहा कि जब पहली पत्नी दूसरी पत्नी के पक्ष में स्वेच्छा से बयान दे रही है तो सेना के अधिकारी अधिकारी दिवंगत सैनिक द्वारा अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के प्रमाण पर जोर नहीं दे सकते। कोर्ट ने सेना को दूसरी पत्नी को सभी पेंशन व अन्य लाभ देने का आदेश जारी किया।
 

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