Edited By Isha, Updated: 29 Nov, 2019 10:15 AM
पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने एश्लान इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को बड़ी राहत देते हुए वाईएमसीए यूनिवर्सिटी को उनका एग्जाम कराने के आदेश दिए हैं। अभिभावक एकता मंच ने इसे अभिभावकों.....
फरीदाबाद (महावीर गोयल) : पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने एश्लान इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को बड़ी राहत देते हुए वाईएमसीए यूनिवर्सिटी को उनका एग्जाम कराने के आदेश दिए हैं। अभिभावक एकता मंच ने इसे अभिभावकों की जीत बताया है और यूनिवर्सिटी व कॉलेज प्रबंधक से अपने मनमुटाव दूर करके आगे अभिभावकों के हित में ही कार्य करने को कहा है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व संरक्षक सुभाष लावा ने बुधवार को इस मुद्दे पर वाईएमसीए के उप कुलपति प्रोफेसर दिनेश शर्मा से मुलाकात करके एश्लान इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी छात्रों को दिसंबर में होने जा रहे फस्र्ट सेमेस्टर के एग्जाम में शामिल कराने की मांग की थी। मंच ने अब उपकुलपति दिनेश अग्रवाल से कहा है कि वे उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर शीघ्र ही छात्रों की 29 नवम्बर व 10 दिसम्बर से होने वाली प्रैक्टिकल व लिखित परीक्षा कराने की व्यवस्था करें।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कॉलेज प्रबंधकों से कहा है कि वह उप कुलपति से मिलकर आपसी मनमुटाव को दूर करें और सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके छात्रों को एग्जाम में बैठाने की कार्रवाई करें। पैरेंट्स ने कालेज द्वारा वाईएमसीए युनिवर्सिटी में जमा की गई फीस की रसीद दिखाई थी , जिसमें एफिलेशन निरंतरता फीस 59 हजार रुपए 31 जनवरी,2019 को भरी हुई है।
इसके साथ ही 23600 रूपए बीबीए व 23600 रुपए बीसीए की एक्सटेंशन फीस भी जमा की हुई है। कॉलेज के डायरेक्टर ने अभिभावकों को बताया कि युनिवर्सिटी ने पोर्टल रजिस्ट्रेशन करवाने की अंतिम तिथि 15 अगस्त से पहले ही बंद कर दिया और एफिलेशन 17 अक्तूबर को वापस ली है। मंच एवं पैरेंट्स का कहना है कि जिसकी गलती हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।