Edited By Shivam, Updated: 22 Jan, 2019 08:08 PM
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रधान सचिव रहे एमएल तायल द्वारा मानेसर भूमि अधिग्रहण घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा जारी समन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन मंगलवार को हाई कोर्ट ने ने कोर्ट ने तायल को झटका...
चंडीगढ़(धरणी): पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रधान सचिव रहे एमएल तायल द्वारा मानेसर भूमि अधिग्रहण घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा जारी समन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन मंगलवार को हाई कोर्ट ने ने कोर्ट ने तायल को झटका देते उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका दाखिल करते हुए तायल ने कहा था कि सीबीआई ने मानेसर में भूमि अधिग्रहण को लेकर शिकायतों को आधार बनाते हुए एफआईआर दर्ज की थी। इसे घोटाले का नाम देते हुए जांच आरंभ कर दी गई और अपनी फाईनल रिपोर्ट सीबीआई अदालत में सौंप दी। इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई कोर्ट ने उन्हें समन कर लिया है। याची ने कहा कि न तो ऐसा कोई घोटाला हुआ और न ही उनकी कोई भूमिका थी। यह पूरा मामला राजनीतिक रंजिश का है जिसके चलते यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने हाईकोर्ट से अपील की कि इस एफआईआर और उससे जुड़ी सभी कार्रवाई को खारिज करे। साथ ही सीबीआई द्वारा सौंपी गई फाईनल रिपोर्ट और सीबीआई अदालत द्वारा जारी किए गए समन आदेश को भी रद्द करने की हाईकोर्ट से अपील की गई।
यह है मामला
तायल पर को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिहं हुड्डा का बेहद करीबी बताया जाता है। 27 अगस्त 2004 से 27 अगस्त 2007 के बीच भूमि अधिग्रहण के मामले में बड़ा घोटाला किया गया। इस मामले में भाजपा सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया था। केस में सीबीआई ने जांच करते हुए रिपोर्ट सौंपी थी और जिला अदालत ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, एमएल तायल सहित 34 लोगों को समन आदेश जारी किए थे। अब पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत केस की सुनवाई कर रही है।