Edited By vinod kumar, Updated: 01 May, 2020 08:18 PM
हरियाणा के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में एमडी एमएस कोर्स में दाखिला पाने के लिए 4 मई से होने वाली काउंसलिंग पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस जसवंत सिंह की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार से इस मामले में विस्तृत...
चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में एमडी एमएस कोर्स में दाखिला पाने के लिए 4 मई से होने वाली काउंसलिंग पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस जसवंत सिंह की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब तलब किया है।
डॉक्टर विक्रम पाल अन्य की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि हरियाणा के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को महज 13 फीसदी सीटें दी जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट निर्देशों की अनदेखी करते हुए 87 फीसदी सीटें रिजर्व रखी गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट निर्देशों के मुताबिक 50 फीसदी सीटों से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन हरियाणा सरकार ने इन निर्देशों की अनदेखी की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान याची पक्ष की तरफ से कहा गया कि जहां बीते साल कुल 156 सीटों में से 107 सीटें सामान्य वर्ग के लिए थी। वहीं इस साल यह सीटें कम होकर 31 रह गई हैं।
याचिका में मांग की गई कि दाखिले को लेकर 15 अप्रैल को जारी की गई नोटिफिकेशन खारिज की जाए। हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि शारीरिक रूप से विकलांग को दिए जाने वाली 5 फीसदी रिजर्वेशन और इंस्टीट्यूशनल प्रेफरेंस को लेकर दिए जा रहे हैं 25 फीसदी रिजर्वेशन को इसमें शामिल किया जा रहा है जबकि इसे शामिल नहीं किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने याची की दलीलों पर फिलहाल सहमति जताते हुए हरियाणा सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब तलब करते हुए अगले आदेशों तक दाखिले के लिए की जा रही काउंसलिंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।