26 जून को होगी IAS और IPS अधिकारियों की संपत्ति से जुड़े 9 वर्ष पुराने मामले की सुनवाई

Edited By Shivam, Updated: 22 Jun, 2018 06:13 PM

hearing on 9 years old case related to property of ias ips officers on june 26

हरियाणा के सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने बारे 9 वर्ष पुराने केस की महत्वपूर्ण सुनवाई 26 जून को राज्य सूचना आयुक्त योगेंद्र पाल गुप्ता व हेमंत अत्री की दो सदस्यीय डिवीजन बेंच करेगी। आयोग ने इसके लिए कार्मिक विभाग...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने बारे 9 वर्ष पुराने केस की महत्वपूर्ण सुनवाई 26 जून को राज्य सूचना आयुक्त योगेंद्र पाल गुप्ता व हेमंत अत्री की दो सदस्यीय डिवीजन बेंच करेगी। आयोग ने इसके लिए कार्मिक विभाग के अवर सचिव, डीजीपी कार्यालय के अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय के एसपी (कानून व्यवस्था) व अपीलकर्ता पीपी कपूर को 26 जून को चंडीगढ़ तलब किया है। इस केस में कुल 69 में से 36 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की सहमति वर्ष 2010 में सरकार को दे दी थी। जबकि 33 आईएएस ने इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया था। तभी से केस सूचना आयोग में लम्बित पड़ा है।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि 9 वर्ष पूर्व 16 दिसंबर 2009 को उन्होंने मुख्य सचिव को आरटीआई आवेदन भेजकर प्रदेश के सभी आईएएस, आईपीएस, एचपीएस, एचसीएस अफसरों की संपत्ति का ब्यौरा मांगा था। पुलिस मुख्यालय ने तो इस सूचना को देने से स्पष्ट मना कर दिया था। जबकि हरियाणा सरकार ने सभी आईएएस अधिकारियों से इस बारे में उनकी राय मांगी थी। इस पर आईएएस अशोक खेमका, समीर माथुर, उमाशंकर, पीके दास, टी.के. शर्मा, बलबीर मलिक, डा0 जे गणेशन, डॉ अमित अग्रवाल, सहित कुल 36 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए सहमति सरकार को दे दी थी।

आईएएस अशोक खेमका ने तो कैबिनेट सचिव व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को भेजे पत्र में कहा कि ईमानदार लोक सेवकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने में कोई भय नहीं होता। ऐसे कदमों से सार्वजनिक संस्थानों  में पारदर्शिता व विश्वास को बढ़ावा मिलता है। आरटीआई एक्ट के सेक्शन 4 के तहत संपत्ति का विवरण ऑफिशियल वेबसाइट पर सार्वजनिक कर देना चाहिए। सरकार को लोक सेवकों द्वारा सार्वजनिक ना की गई संपत्ति को ज़ब्त करने का कानून बना देना चाहिए। कानून में इस छोटे से संशोधन से ही भ्रष्टाचार के कैंसर का काफी हद तक इलाज हो जाएगा। जबकि दूसरी ओर तत्कालाीन सरकार को भेजे अपने जवाब में आईएएस आरके खुल्लर, सुप्रभा दहिया, विजय दहिया, अशोक लवासा, डॉक्टर चंद्रशेखर, सुनील गुलाटी, वीएस कुंडू सहित कुल 33 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने से स्पष्ट इंकार कर दिया। 

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि फरवरी 2012 में राज्य सूचना आयोग की फुल बेंच ने इस केस की सुनवाई की थी। लेकिन राज्य सूचना आयोग ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक डी.पी. जांगड़ा की संपत्ति के ब्यौरे संबंधी याचिका हाईकोर्ट में लंबित होने का हवाला देकर सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। जबकि इसी बीच हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के डीपी जांगड़ा वाले केस में निर्णय को सही बताते हुए संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के आदेश कर दिए थे। कपूर ने सभी आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा तत्काल सार्वजनिक करने व इसे विभागों की वेबसाइट अपलोड करने की मांग की है। 

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