Edited By vinod kumar, Updated: 14 Dec, 2019 01:43 PM
एक तरफ तो सरकार व प्रशासन बेटी-बचाओ को लेकर तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं, मगर ङ्क्षलगानुपात घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों की पोल खुल गई। आंकड़ों पर नजर डालने से साफ हो गया है कि कहीं न कहीं गड़बड़ चल रही है।...
करनाल(काम्बोज): एक तरफ तो सरकार व प्रशासन बेटी-बचाओ को लेकर तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं, मगर ङ्क्षलगानुपात घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों की पोल खुल गई। आंकड़ों पर नजर डालने से साफ हो गया है कि कहीं न कहीं गड़बड़ चल रही है। पिछले वर्ष 1000 लड़कों के मुकाबले 934 लड़कियां थी, जो इस वर्ष नवम्बर माह तक घट कर 913 पहुंच गई है।
जिले में बेटियों की घटती संख्या ङ्क्षचता का विषय है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने दावा किया कि सरकार ङ्क्षलग जांच करवाने वालों की सूचना देने पर एक लाख रुपए का नकद ईनाम दे रही है, अब तक 10 लोगों को 10 लाख रुपए दिए भी जा चुके हैं, वहीं दूसरी ओर जो केस स्वास्थ्य विभाग ने गुप्त सूचना देने पर पकड़े हैं, वे भी सभी केस करनाल में ही पकड़े गए हैं। जो बताने के लिए काफी है कि करनाल में भी बड़े पैमाने पर लिंग जांच का काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने पानीपत से शुरू किया था अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के पानीपत से शुरूआत की थी। मगर पानीपत से लगते करनाल मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में ही दम तोड़ता नजर आ रहा है। जिले में ङ्क्षलगानुपात का इस कदर बढऩा मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय है।
आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन करनाल डा. अश्वनी आहूजा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 एम.टी.पी. एक्ट के तहत केस किए हैं, जबकि 32 केस पी.एन.डी. एक्ट के तहत दर्ज किए हैं। इन मामलों में से कुछ में आरोपियों को सजा भी हो चुकी है, जबकि कुछ ने हाईकोर्ट में अपील डाल रखी है, जो विचाराधीन है। पिछले साल के मुकाबले अब तक ङ्क्षलगानुपात बढ़ा है लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा। ङ्क्षलग जांच की सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपए का नकद ईनाम दिया जाएगा और उसका नाम व पता गुप्त रखा जाएगा।