Edited By Isha, Updated: 21 Jan, 2020 10:26 AM
सी.एम. द्वारा एक तहसीलदार को सस्पैंड करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने हरियाणा सरकार को झटका देते हुए सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें........
चंडीगढ़ (हांडा) : सी.एम. द्वारा एक तहसीलदार को सस्पैंड करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने हरियाणा सरकार को झटका देते हुए सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें सरकार ने सी.एम. के आदेश पर रोक लगाने के एकल बैंच के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की एकल बैंच ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उन आदेशों पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत एक तहसीलदार को निलंबित किया गया था।
इस मामले में याचिकाकत्र्ता नायब तहसीलदार हवा सिंह पूनिया ने हाईकोर्ट की एकल बैंच को बताया था कि 16 दिसम्बर को मुख्यमंत्री ने अचानक छापा मारकर सच्चाई जाने बगैर एक शिकायत पर उसको व कई अन्य तहसील कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। याची के अनुसार उसके खिलाफ आरोप यह था कि 9064 नंबर पर 4 दिसम्बर को रजिस्ट्री करवाई थी। रजिस्ट्री की अभी तक डिलीवरी नहीं हुई।
याची ने कोर्ट को बताया कि जिस व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री होती है रजिस्ट्री उसे ही या उस द्वारा अधिकृत व्यक्ति को दी जा सकती है, जबकि शिकायतकत्र्ता अशोक का उस रजिस्ट्री से कोई लेना-देना नहीं था। वह रजिस्ट्री मांग रहा था। इसलिए अशोक को यह रजिस्ट्री नहीं दी गई। सही ऑनर के पति द्वारा यह रजिस्ट्री मांगने के बाद उनको यह सौंप दी गई।
रजिस्ट्री के मालिक की तरफ से साफ कहा गया है कि उनको तहसील स्टाफ से किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं है। फिर भी केवल एकतरफा शिकायत पर मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई करते हुए उसको निलंबित कर दिया। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने निलंबन के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।