अपने कानूनों से पंजाब का नाम हटाएगा हरियाणा, विस अध्यक्ष ने बड़े अधिकारियों के साथ की बैठक

Edited By Shivam, Updated: 24 Sep, 2020 04:05 PM

आधी सदी बाद हरियाणा अपने अधिनियमों से पंजाब का नाम हटाने जा रहा है। इसके लिए हरियाणा की विधान पालिका और कार्यपालिका मिल कर योजना बना रही है। इस संबंध में वीरवार को विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, कानून...

चंडीगढ़ (धरणी): आधी सदी बाद हरियाणा अपने अधिनियमों से पंजाब का नाम हटाने जा रहा है। इसके लिए हरियाणा की विधान पालिका और कार्यपालिका मिल कर योजना बना रही है। इस संबंध में वीरवार को विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, कानून एवं विधि निर्माण विभाग में कानून सचिव बिमलेश तंवर और विधान सभा के अवर सचिव विष्णु देव के साथ बैठक की।

बैठक में विधान सभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी अधिनियम पंजाब की बजाय हरियाणा के नाम करने की योजना तैयार करें। इसके लिए जल्द ही कानून एवं विधि निर्माण विभाग की कानून सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। फिलहाल हरियाणा में करीब 237 ऐसे अधिनियम हैं जो पंजाब के नाम से ही चल रहे हैं। विधान सभा अध्यक्ष इन सभी अधिनियमों से पंजाब शब्द हटाना चाहते हैं।

, Haryana

बता दें कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत वर्ष 1966 में हरियाणा राज्य का गठन किया गया था। तब पंजाब में जिन अधिनियमों का अस्तित्व था, वे ही हरियाणा में लागू रहे थे। व्यवस्था यह बनी थी कि अगले 2 वर्ष में हरियाणा अपनी जरूरतों के मुताबिक इनमें आवश्यक संशोधन कर सकेगा। अनावश्यक अधिनियमों को हटाने का अधिकार भी प्रदेश की विधान सभा को मिला है। हरियाणा को विरासत में जो अधिनियम मिले थे, वे सभी पंजाब के नाम पर थे और गत 54 वर्षों से हरियाणा की शासन व्यवस्था इन्हीं कानूनों के आधार पर चल रही है। इसके चलते प्रदेश की जनता और जनप्रतिनिधि इन कानूनों को हरियाणा के नाम पर करने की मांग करते रहे हैं।



विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि हरियाणा प्रदेश का गौरवशाली इतिहास रहा है। 1966 में स्थापना के बाद इस प्रदेश ने शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी विशिष्ट पहचान बनाई है। आर्थिक विकास की तीव्र रफ्तार से प्रदेश ने बुलंदियों को छुआ है। इसके बावजूद इसके सभी पुराने अधिनियम पंजाब के नाम पर ही है। उन्होंने कहा कि प्रमुख अधिनियमों में हरियाणा शब्द जुडऩे से यहां नागरिकों और जनप्रतिनिधियों में स्वाभिमान की भावना जागृत होगी, जो किसी भी आगे बढ़ते प्रदेश के लिए जरूरी है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!