हरियाणा लड़ेगा सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग

Edited By Isha, Updated: 16 Mar, 2020 09:01 AM

haryana to fight war against cervical cancer

हरियाणा सरकार ने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह दुनिया का दूसरा प्रमुख कैंसर है। स्तन और फेफड़ों के कैंसर के बाद महिलाओं में पाया जाने वाला यह तीसरा...

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह दुनिया का दूसरा प्रमुख कैंसर है। स्तन और फेफड़ों के कैंसर के बाद महिलाओं में पाया जाने वाला यह तीसरा कैंसर है। महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत में सर्वाइकल कैंसर दूसरे स्थान पर है। वैक्सीनेशन की मदद से महिलाओं को इससे बचाया जा सकता है।

सूत्रों की मानें तो हरियाणा की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए ह्युमन पैपीलोमा वायरस के खात्मे के लिए स्कूलों में पढऩे वाली बच्चियों को वैक्सीनेशन देने के लिए प्रोजैक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। हरियाणा के स्कूलों में कितनी बच्चियां हैं, कितने फेज में वैक्सीनेट किया जा सकता है, वैक्सीन कहां से मंगवाई जा सकती है, किन जिलों की बच्चियों को पहले वैक्सीनेट किया जाए, कौन से राज्य एच.पी.वी. वैक्सीनेशन कर रहे हैं और किस तरह से वैक्सीनेशन को राज्यों ने अपनाया है?

इन सारे तथ्यों को एकत्रित करने के लिए एक एक्सपर्ट टीम का भी जल्द ही गठन किया जाएगा। जिसके बाद हरियाणा सरकार एच.पी.वी. वैक्सीन को लेकर योजना बनाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 साल की उम्र से लेकर 13 साल तक की बच्चियों को एच.पी.वी. वैक्सीन देने की सिफारिश की है। देश में एच.पी.वी. वैक्सीन को फिलहाल नैशनल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल नहीं किया गया है। 

पंजाब में 4 साल पहले सर्वाइकल कैंसर से बचाव को शुरू की थी वैक्सीनेशन
पंजाब का स्वास्थ्य विभाग कैंसर पेशैंट्स के  इलाज, जागरूकता और बचाव के कार्यों के लिए हर साल 100 करोड़ खर्च करता है। बङ्क्षठडा और मानसा जिलों में पेशैंट्स की संख्या अधिक है। नवम्बर, 2016 दौरान पहले राऊंड में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की 16,000 बच्चियों की वैक्सीनेशन की गई। वर्ष 2017 में दूसरी डोज दी गई। दूसरे राऊंड दौरान 15,000 अतिरिक्त लड़कियों को वैक्सीन दी गई।

सूत्र कहते हैं कि तीसरे राऊंड के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मुक्तसर, मोहाली और फरीदकोट में भी वैक्सीनेशन शुरू करने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा था परंतु नामंजूर कर दिया गया। अब बठिंडा और मानसा में ही तीसरे राऊंड को चलाते हुए प्राइवेट स्कूलों की बच्चियों को वैक्सीनेट किया जाएगा। तीसरे राऊंड के लिए 32,000 डोजेज की जरूरत का आंकलन किया गया है। जर्मनी की कंपनी ने 15,000 डोज पंजाब को भेज दी हैं जिसके लिए इम्युनाइजेशन विभाग ने काडा से मिली आॢथक सहायता के बूते 14 लाख रुपए खर्च किए हैं। एक डोज की कीमत 3500 रुपए के करीब है।

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