10 ट्रेड यूनियनों के साथ हड़ताल पर जाएगी हरियाणा रोडवेज

Edited By Deepak Paul, Updated: 27 Jul, 2018 05:54 PM

haryana roadways will go on strike with 10 trade unions

देश भर की 10 ट्रेड यूनियन के साथ साथ हरियाणा रोडवेज ने भी 7 अगस्त को राष्टव्यापी हड़ताल का एलान किया है । हालाकिं हरियाणा रोडवेज का ये चक्का जाम सरकार की तरफ से प्राइवेट परमिट दिए जाने के विरोध में किया जा रहा है । चंडीगढ़ हरियाणा रोडवेज डिपो में...

चंडीगढ़(चंद्रशेखऱ धरणी): देश भर की 10 ट्रेड यूनियन के साथ साथ हरियाणा रोडवेज ने भी 7 अगस्त को राष्टव्यापी हड़ताल का एलान किया है । हालाकिं हरियाणा रोडवेज का ये चक्का जाम सरकार की तरफ से प्राइवेट परमिट दिए जाने के विरोध में किया जा रहा है । चंडीगढ़ हरियाणा रोडवेज डिपो में  हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी । रोडवेज नेताओ ने प्राइवेट पॉलिसी को रद्द करने और रोडवेज के बेड़े में 14 हजार बसों को  बढ़ाने की मांग की है । रोडवेज पदाधिकारियों ने कहा निजीकरण के साथ साथ रोडसेफ्टी बिल को वापस लेने की भी मांग रहेगी ।

हरियाणा रोडवेज कर्मचारीयो ने भी  ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर फेडरेशन  के आहवाहन पर हो रही विश्व व्यापी हड़ताल में शामिल होने का एलान कर दिया है । चंडीगढ़ रोडवेज डिपो में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ये एलान किया है ।  हरियाणा रोडवेज वर्कर कमेटी के राज्यप्रधान इंद्रजीत बधाना ने कहा की एक दिन के लिए विश्व व्यापी हड़ताल की जाएगी। इस हड़ताल का एहम  एजेंडा हरियाणा सरकार की तरफ से प्राइवेट बसों को दी जा रही अनुमति रहेगी । उन्होंने कहा की परिवहन मंत्री से बात चीत में भी इसपर चर्चा हुई थी बावजूद सरकार इसे लागु करने पर जुटी है जबकि सरकार को निजीकरण की जगह सरकारी बेड़े बसें बढ़ाने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए । उन्होंने कहा की इसके साथ साथ  केंद्र सरकार की तरफ से लाए जा रहे रोडसेफ्टी बिल का मुद्दा भी हड़ताल में एहम रहेगा ।   
 

रोडवेज कर्मचारी संघ संबधित सर्वकर्मचारी  महासंघ के पदाधिकारी पहल सिंह तंवर ने कहा की  संयुक्त संघर्ष समिति लगतार कर्मचारियों की मांगो को लेकर प्रयास रत है जिसको लेकर डीजी कार्यलय का घेराव भी किया था । सरकार से वार्ता हुई  मगर केवल आश्वाशन दिए गए है । पहल ने कहा की पहले भी सरकार पॉलिसी लेकर आई थी जिसमे केवल 10 लोगो ने आवेदन किया था जिसके बाद सरकार ने इस पॉलिसी को रद्द कर दिया था । उन्होंने कहा फिर सरकार निजीकरण पर तुली हुई है , जिसका न ही जनता और न ही रोडवेज को फायदा मिलेगा ।

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