सुरक्षा की दृष्टि से हरियाणा रोडवेज ने उठाया कदम, अब हर छात्रा के गांव में जाएंगी डिपो की बसें

Edited By Isha, Updated: 11 Dec, 2019 01:56 PM

haryana roadways steps up in terms of security

अब गांव से आने वाली छात्राओं-महिलाओं के लिए अच्छी खबर यह है कि अब छात्राओं और महिलाओं को शहर आने और गांव में जाने के लिए प्राइवेट बसों व ऑटो का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब निगम द्वारा

करनाल (नरवाल): अब गांव से आने वाली छात्राओं-महिलाओं के लिए अच्छी खबर यह है कि अब छात्राओं और महिलाओं को शहर आने और गांव में जाने के लिए प्राइवेट बसों व ऑटो का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब निगम द्वारा छात्राओं और महिलाओं के लिए अलग से बसें लगाई जाएंगी और बसें गांव दर गांव जाएंगी और उन्हें गंतव्य पर लेकर आएंगी और उन्हें छोडऩे जाएंगी।  इससे अच्छी बात महिलाओं-छात्राओं के लिए नहीं हो सकती लेकिन ये सब होने जा रहा है, चूंकि प्रदेश सरकार इस बात पर गहन विचार-विमर्श करने में जुटी है।

योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए मीटिंग्स का दौर भी शुरू हो चुका है, मीटिंग में डाटा मांगा जा रहा है कि हर जिले में कितनी बसें महिलाओं के लिए स्पैशल चल रही हंै कितनी और बसें चलाई जा सकती हंै ताकि महिलाओं को बसों में यात्रा करने में आसानी हो उन्हें कोई परेशानी न हो। काबिलेगौर है कि देशभर में महिलाओं-छात्राओं के साथ हो रही घटनाओं को देखते हुए सरकार ने महिलाओं के लिए अलग से बसे चलाने की प्लाङ्क्षनग चल रही है। 

जिले में चल रही 7 महिला बसें
डिपो से मिली जानकारी अनुसार जिले में महिलाओं के लिए स्पैशल 7 बसें चलाई जा रही हैं। अगर रोडवेज की योजना सफल होती है तो करीब 20 से 25 बसें महिलाओं के लिए लगानी होंगी।  

डिपो में बसों की भारी कमी
इस समय डिपो में बसों की संख्या 156 है जिसके हिसाब से करीब 84 बसों की सख्त आवश्यकता है। गौर करने वाली बात है कि साल दर साल डिपो के बेड़े से बसों की संख्या घटती जा रही है जबकि नई बसों के शामिल होने की दर नाममात्र बनी हुई है। यही नहीं बसों की संख्या जो बताई जा रही है उनमें से भी हर दिन 15 से 20 बसें खराब रहती हंै, जिनकी समय पर रिपेयर तक नहीं हो पाती जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

काफी हद तक लाभ मिलेगा
रजनी, शालू, कविता, प्रेमलता, सुनीता आदि ने बताया कि उन्हें बसों में आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। सरकार महिलाओं के लिए अलग से बसें चलाए तो इससे उन्हें काफी हद तक लाभ मिलेगा। इसके अलावा उनमें पहले की अपेक्षा सुरक्षा की भावना भी और मजबूत होगी। सरकार को उनकी परेशानियों को समझना चाहिए और अलग से बसें चलानी चाहिए। 

यह कहना है रोडवेज जी.एम का 
रोडवेज जी.एम. अजय गर्ग ने बताया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है, इसे देखते हुए महिलाओं के लिए अलग से बसें चलाने पर विचार-विमर्श चल रहा है। योजना को किस प्रकार से लागू किया जाए, इस बात पर डिपो महाप्रबंधकों के साथ मीटिंग चल रही है। एक दौर की बातचीत भी पूरी हो चुकी है। 

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