रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर की लाखों रुपयों की ठगी

Edited By Updated: 24 Apr, 2017 04:34 PM

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बेरोजगार युवकों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 24 लाख रुपए ठगने वाले एक गिरोह के 8 लोगों पर कोसली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

रेवाड़ी(वधवा):बेरोजगार युवकों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 24 लाख रुपए ठगने वाले एक गिरोह के 8 लोगों पर कोसली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। गांव झाल निवासी सुदेश कुमार ने बताया कि उन्हें के गांव का रहने वाला अनंगपाल उसके पुत्र चंद्रेश के पास अक्सर आता था। उसने चंद्रेश को बताया कि उसकी रेलवे में टी.सी. के पद पर नौकरी लग गई है। उसकी जानकारी एेसे लोगों से है, जो रेलवे में नौकरी लगवाते हैं। वह उसे भी नौकरी पर लगवा सकता है। सुदेश के अनुसार अनंगपाल ने उसकी बात फोन पर भिवानी जिले के बड़सी निवासी पंकज गुप्ता से करवाई। पंकज ने उसे बताया कि उसकी पहचान रेलवे के डी.आर.एम. से है, जो एम.आर. कोटे से बच्चों को रेलवे में टी.सी. पद पर लगवाते हैं। 

एम.आर. कोटे के बारे में उसने बताया कि किसी रेल कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मौत होने के बाद वे लोग मृतक के परिजनों से नौकरी की एवज में पैसे देकर वैकेंसी खरीद लेते हैं और जरूरतमंद को दिलवा देते हैं। उसके बदले में जो पैसे मृतक के घरवालों को देने होते हैं वह नौकरी पाने वाले को देने होंगे और इसका करीब 8 लाख रुपए प्रति नौकरी के हिसाब से खर्च आएगा। आरोपी चंद्रेश के शैक्षणिक पत्र व 3-4 लाख रुपए लेकर रेवाड़ी के राव तुलाराम पार्क में बुलाया था। उसी दौरान चंद्रेश के साथ पढ़ने वाले गांव नाहड़ अमित ने भी पंकज से बात की और वह भी पैसे लेकर रेवाड़ी आ गया। 15 जनवरी 2015 को राव तुलाराम पार्क में उसने व नाहड़ निवासी अमित ने 2-2 लाख रुपए पंकज को दे दिए जिसके बाद पंकज ने उनसे कहा कि वह शीघ्र ही डी.आर.एम. से बात कर फार्म मंगवाएगा। उस समय पंकज के साथ एक अन्य गांव मुंदरा निवासी कुलदीप व पटौदी निवासी नरेश भी मौजूद था। 2-3 दिन के बाद पंकज ने चंद्रेश व अमित को फार्म भरवाने के लिए दिल्ली बुलाया तथा उनके रिहायशी प्रमाण पत्र व आई.डी. फार्म भरवा दिए तथा एक सप्ताह बाद मैडीकल करवाने के लिए दोबारा दिल्ली बुलाया। 

जहां संदीप, पंकज व राहुल गुप्ता ने एन.सी. रेलवे अस्पताल में दोनों का मैडीकल कराया तथा दोनों को कोलकाता में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। दोनों से कागजी कार्रवाई के नाम पर 10 हजार रुपए ले लिए। आरोपियों ने रेलवे में फर्जी ट्रेनिंग करवाई, फर्जी कार्ड तैयार करके दिए तथा ट्रेनिंग करवाने के बाद संदीप ने दिल्ली के बड़ौदरा हाऊस ले जाकर कुलदीप से सर्विस बुक भरवाई। संदीप ने रेलवे भवन से एक व्यक्ति को बुलाया जिसने अपने आपको डी.आर.एम. का रीडर बताया। बाद में जानकारी हुई कि उस व्यक्ति का नाम ए.के. सिंह नमोनारायण है। उसी ने रेलवे का टी.सी. का आई कार्ड दिया। ट्रेनिंग के बाद जब चंद्रेश व अमित ने पंकज से ड्यूटी की बात की तो वह टाल-मटोल करता रहा। उसके बाद पंकज ने पुलिस में शिकायत नहीं करने को भी कहा और उनके पैसे वापस लौटाने को भी कहा लेकिन उसने कोई पैसा नहीं लौटाया। इस दौरान दोनों लड़कों से पंकज ने 7 लाख 43 हजार रुपए बताए गए खाते में जमा करवाए तथा 8 लाख 57 हजार रुपए नकद ले लिए।

गांव झाल के ही धर्मेंद्र के पुत्र पंकज कुमार ने भी उसी दौरान टी.सी. पद पर नौकरी पाने के लिए पंकज गुप्ता से बातचीत की तथा धर्मेंद्र ने पंकज को 17 मार्च 2015 को 2 लाख रुपए तथा 22 मार्च 2015 को आरोपी सिधाना निवासी संदीप व ए.के. सिंह नमोनारायण ने पंकज का मैडीकल करवाने व जल्दी नौकरी दिलवाने की बात कहकर दिल्ली रेलवे अस्पताल बुलाकर डेढ़ लाख रुपए ठग लिए। पंकज गुप्ता ने विभिन्न समय पर बताए गए स्थानों पर अलग-अलग खातों में नकदी जमा करवाकर करीब 8 लाख रुपए की राशि हड़प ली। उन्होंने पंकज का ए.टी.एम. कार्ड भी ले लिया लेकिन सबकुछ फर्जी निकला। इस प्रकार तीनों से लगभग 24 लाख रुपए ठग लिए। उसके बाद पीड़ितों ने पुलिस के अलावा उच्च अधिकारियों को शिकायत दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होते देख उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। बीती शाम कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी गिरोह के 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। खास बात यह है कि आरोपियों के खिलाफ कोसली थाने में पहले भी धोखाधड़ी के केस दर्ज है।

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