Edited By Deepak Paul, Updated: 27 Oct, 2018 12:55 PM
शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट अनिवार्य करने पर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने असहमति जता दी है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नशे के कारण बर्बाद होते परिवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट अनिवार्य करने का सुझाव देते हुए...
चंडीगढ़ (ब्यूरो): शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट अनिवार्य करने पर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने असहमति जता दी है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नशे के कारण बर्बाद होते परिवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट अनिवार्य करने का सुझाव देते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से जवाब तलब किया था। इस पर हरियाणा सरकार ने जवाब देते हुए कहा है कि दूल्हे के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य नहीं होना चाहिए। यह केवल कोर्ट के अादेश पर ही होना चाहिए।
वहीं, पंजाब सरकार ने बताया कि प्रदेश में जहां पर डीएडिक्शन सेंटर हैं, वहां जाकर डोप टेस्ट करवाया जा सकता है। हालांकि, इसे अनिवार्य किया जाना सही नहीं है। चंडीगढ़ प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि शादी से पहले दूल्हे का डोप टेस्ट करवाने में प्रशासन को कोई अापत्ति नहीं है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। यदि दूल्हा सहमत है तो प्रशासन इसके लिए किट उपलब्ध करवाने को तौयार है।
यह कहा था कोर्ट ने
हाईकोर्ट ने इससे पहले कहा था कि सिविल अस्पतालों में क्यों नहीं एेसी व्यवस्था की जा रही है कि शादी से पहले दूल्हों का डोप टेस्ट करवाया जाए। कोर्ट में अाने वाले अधिकतर पारिवारिक विवादों में पाया गया है कि नशे का सेवन परिवारों के टूटने का कारण बनता है। एेसे में, शादी से पहले यह जांच कर लेना कि दूल्हा नशा करता है या नहीं, बहुत जरूरी है। यह परिवारों को टूटने से बचाने में मददगार साबित हो सकता है।