हरियाणा : 32 वर्ष का सियासी सफर, 20 महिला विधायकों को मिला सत्ता में हिस्सा

Edited By Isha, Updated: 08 Dec, 2019 11:09 AM

haryana political journey of 32 years 20 women mlas got power

हरियाणा में 1987 से लेकर 2019 तक 32 वर्षों में हुए 8 विधानसभा चुनावों में चौ. देवीलाल, चौ. बंसीलाल व चौ. भजनलाल के अलावा ओमप्रकाश चौटाला, बनारसी

ब्यूरो( संजय अरोड़ा)- हरियाणा में 1987 से लेकर 2019 तक 32 वर्षों में हुए 8 विधानसभा चुनावों में चौ. देवीलाल, चौ. बंसीलाल व चौ. भजनलाल के अलावा ओमप्रकाश चौटाला, बनारसी दास गुप्ता,मा.हुकुम सिंह,भूपेंद्र सिंह हुड्डा व मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने तथा इन सरकारों में 20 महिला विधायकों को सत्ता में भागीदारी मिली। इस अवधि दौरान 2005 में मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या सर्वाधिक रही तो एक समय ऐसा आया जब वर्ष 2000 में ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री थे,तब उनके मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री शामिल नहीं थी। इस अवधि दौरान विभिन्न सरकारों ने 19 महिला विधायकों को मंत्री अथवा संसदीय सचिव बनने का अवसर मिला तो 1 महिला विधायक संतोष यादव को 2014 में विधानसभा का उपाध्यक्ष बनने का मौका मिला।

इन 32 वर्षों में बनी सरकारों में महिला मंत्रियों की भागीदारी पर नजर दौड़ाई जाए तो स्पष्ट होता है कि वर्ष 2000 को छोड़कर प्रत्येक सरकार में महिला विधायक को मंंत्रिमंडल में स्थान मिला। साल 1987 में प्रचंड बहुमत के साथ जब चौ. देवीलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उस वक्त उनकी सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या 2 थी और दोनों कमला वर्मा व सुषमा स्वराज कैबिनेट मंत्री थीं। इसी तरह 1991 में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आई और भजनलाल मुख्यमंत्री बने। उस समय भजनलाल की कैबिनेट में करतार देवी, शकुंतला भागवडिय़ा को जगह मिली। 

1996 में हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार बनी और चौ.बंसीलाल मुख्यमंत्री बने। बंसीलाल सरकार में कमला वर्मा कैबिनेट मंत्री बनाई गईं जबकि राज्य मंत्री के रूप में कृष्णा गहलावत को मंत्रिमंडल में जगह दी गई। इसके बाद वर्ष 2000 में हुए चुनाव में इनैलो ने भाजपा के सहयोग से सरकार बनाई और ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। उनकी सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं बनाई गई। साल 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में बनी कांग्रेस की सरकार बनी और इस सरकार में करतार देवी,किरण चौधरी,सावित्री जिंदल,मीना मंडल को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया,जबकि 2 अन्य महिला विधायकों कुमारी शारदाराठौड़ व कृष्णा पंडित को संसदीय सचिव बनाया गया। यह ऐसी पहली सरकार थी,जिसमें महिला विधायकों को मंत्रिमंडल में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व मिला था।  वर्ष 2009 में पुन: प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोबारा मुख्यमंत्री बने।

उनकी पार्ट-2 सरकार में भी 2 महिला विधायकों किरण चौधरी व गीता भुक्कल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया जबकि शारदा राठौड़ व अनीता यादव को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी दी गई। 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने। इस सरकार में भी महिला विधायकों की भागीदारी रही। कविता जैन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया,जबकि विधायक सीमा त्रिखा को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया। अभी इसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में पुन: मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी और इस सरकार में केवल एक महिला विधायक को शामिल किया गया है। कलायत से पहली बार विधायक बनी कमलेश ढांडा इस सरकार में राज्य मंत्री बनाई गई हैं। कुल मिलाकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में सबसे अधिक महिला विधायकों को प्रतिनिधित्व मिला है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!