हरियाणा पुलिस ई-सिगरेट अध्यादेश के प्रावधानों को लागू करवाने के लिए चलाएगी विशेष अभियान

Edited By Shivam, Updated: 10 Nov, 2019 06:03 PM

haryana police to launch special campaign to implement provisions on e cigarette

हरियाणा पुलिस द्वारा ई-सिगरेट और अन्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणालियों की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए राज्य भर में एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। 10 नवंबर से शुरू हुआ यह अभियान 10 दिसंबर तक जारी रहेगा।...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा पुलिस द्वारा ई-सिगरेट और अन्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणालियों की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए राज्य भर में एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। 10 नवंबर से शुरू हुआ यह अभियान 10 दिसंबर तक जारी रहेगा। पुलिस महानिदेशक, मनोज यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया है।

डीजीपी ने कहा कि सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने एरिया में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें। एक माह तक चलने वाले विशेष अभियान के अंतर्गत पुलिस अध्यादेश के प्रावधानों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी। इसके अतिरिक्त, जिलों में जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा व नियमों की उल्लंघना करने वालों को दंडित भी किया जाएगा।

अध्यादेश के अनुसार, ई-सिगरेट, सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणाली, ई-हुक्का और इस तरह के अन्य उत्पादों को प्रतिबंधित कर अपराध की श्रेणी में रखने का फैसला लिया गया है जिनसे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। यादव ने कहा कि इस संबंध में तलाशी, जब्ती व जांच करने के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है। हालांकि, अध्यादेश के अनुसार व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए ई-सिगरेट का होना अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं है।

अध्यादेश के तहत, ई-सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध है जिसमें पहनी बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह माह तक कैद अथवा 50,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं।

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