Edited By Isha, Updated: 04 Jul, 2020 04:01 PM
साल 2010 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजे गए फरीदाबाद के रिपिन भाटिया और उनके परिवार के तीन सदस्यों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया जिनका इलाज फरीदाबाद ईएसआई हॉस्पिटल में
फरीदाबाद(अनिल राठी): साल 2010 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजे गए फरीदाबाद के रिपिन भाटिया और उनके परिवार के तीन सदस्यों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया जिनका इलाज फरीदाबाद ईएसआई हॉस्पिटल में किया गया। इतना ही नहीं उनकी बेटी अभिशिखा भाटिया ने ईएसआई अस्पताल में अपना प्लाज्मा दान किया है जिससे एक गंभीर कोरोना पीड़ित की जान बचाई जा सकेगी।
विपिन भाटिया ने बताया कि उनके परिवार के 11 सदस्यों का कोरोना सैंपल लिया गया था जिसमें से 4 सैंपल पॉजिटिव आए उनके अलावा उनकी मां-बेटी और भांजा कोरोना संक्रमित पाए गए थे। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वह लोग बहुत डर गए थे और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाने की ठान ली थी मगर किसी ने जानकारी दी ईएसआई अस्पताल में सरकार द्वारा बेहतर सुविधा दी जा रही है तो उन्होंने अपना मन बदला।
ईएसआई अस्पताल में उनका इलाज हुआ और उनका ध्यान भी रखा गया जिसके चलते वह है नेगेटिव पाए गए जहां उन्हें मालूम हुआ कि ऐसे कई गंभीर कोरोना पीड़ित हैं जिन्हें प्लाज्मा की जरूरत है। मगर दुर्भाग्यवश वह खुद शुगर के मरीज है और उनकी मां वृद्ध है और भांजा नाबालिग। इसलिए बेटी ने यह जिम्मा उठाया और 21 साल की उम्र में अपना प्लाज्मा डोनेट कर एक व्यक्ति की जान बचाई ।