Edited By Isha, Updated: 26 Feb, 2020 09:33 AM
प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के तहत एक पेटी शराब का लाइसैंस दिए जाने के प्रावधान का प्रदेश में चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। इस नीति का विरोध करने वालों का कहना है कि इस प्रावधान...........
जींद (जसमेर ) : प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के तहत एक पेटी शराब का लाइसैंस दिए जाने के प्रावधान का प्रदेश में चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। इस नीति का विरोध करने वालों का कहना है कि इस प्रावधान से ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर में शराब की नदियां बहने लगेंगी। पहले ही स्मैक, सुल्फा, भुक्की और गांजा जैसे नशे में उड़ रहा हरियाणा नई आबकारी नीति के बाद शराब में बहने लगेगा। सरकार की इस नई आबकारी नीति के खिलाफ पहली आवाज प्रदेश में आर्य समाज के सबसे बड़े गढ़ रहे रोहतक जिले के भालौट गांव से बुलंद हुई है।
भालौट गांव में देशवाल खाप पंचायत की बैठक में सरकार की नई आबकारी नीति के इस खतरनाक प्रावधान का विरोध किया गया। जल्द खाप पंचायतों और नशा रोकने वाले संगठनों से जुड़े लोग सी.एम. और डिप्टी सी.एम. से मिलकर मांग करेंगे कि एक पेटी शराब के लाइसैंस दिए जाने की नीति को रद्द किया जाए। नई आबकारी नीति में एक पेटी शराब के लिए भी लाइसैंस दिए जाने के प्रावधान का दुरुपयोग शराब की अवैध बिक्री के रूप में होने की आशंका जताई जा रही है।
इस तरह का लाइसैंस लेने वाले लोग शराब की अवैध बिक्री करने लगेंगे तो गांवों में शराब की नदियां बहने लगेंगी। प्रदेश में शराब के ठेके गांवों से बाहर इसलिए निकाले गए थे ताकि शराब ठेकों का गलत असर ग्रामीणों पर नहीं पड़े। शराब ठेके तो गांवों से बाहर हो गए लेकिन नई आबकारी नीति में एक पेटी शराब का भी लाइसैंस दिए जाने के प्रावधान के बाद शराब गांवों में परचून की दुकानों पर भी उपलब्ध होने का खतरा पैदा हो गया है। इस खतरे को नशाबंदी संघर्ष समिति हरियाणा और खाप पंचायतों ने नई आबकारी नीति लागू होने से पहले ही भांप लिया है।
3 दिन पहले रोहतक जिले के भालौट गांव में देशवाल खाप पंचायत की राष्ट्रीय स्तर की बैठक हुई। इसमें देशवाल खाप के अलावा प्रदेश की 50 से ज्यादा खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में दूसरे सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने के अलावा नई आबकारी नीति पर भी विचार हुआ। इस बैठक में जींद जिले की कंडेला खाप के प्रधान टेकराम कंडेला और सर्व जाट खाप पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूबे सिंह समैन आदि ने नई आबकारी नीति को प्रदेश के लिए बहुत बड़ा खतरा बताते हुए इसका विरोध किया। खाप पंचायतों के अलावा नशाबंदी संघर्ष समिति भी नई आबकारी नीति के विरोध में मैदान में उतर पड़ी है।