Edited By Isha, Updated: 07 Feb, 2020 10:56 AM
100 दिन पूर्व 27 अक्तूबर, 2019 को हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बनी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जिसे दोनों दलों के विधायकों के अतिरिक्त सभी 7 निर्वाचित निर्दलीय विधायकों
चड़ीगढ (धरणी) : 100 दिन पूर्व 27 अक्तूबर, 2019 को हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बनी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जिसे दोनों दलों के विधायकों के अतिरिक्त सभी 7 निर्वाचित निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त हुआ, ने आज तक सदन में फ्लोर टैस्ट करवाकर विश्वास मत हासिल नहीं किया है।
दूसरे शब्दों में अब तक विधानसभा में बहुमत साबित नहीं किया है हालांकि यह भी सत्य है कि जब दोनों दलों के नेताओं ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को 26 अक्तूबर, 2019 को कुल 57 विधायकों द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी हस्ताक्षरित दस्तावेज पेश किए तब राज्यपाल ने इस दावे से संतुष्ट होकर उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दे दिया परंतु इस संबंध में जारी पत्र में उन्होंने नई सरकार को निश्चित समय में सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश ही नहीं दिया जो संभवत: भूलवश हुआ है अथवा किसी और कारण से, यह देखने लायक होगा।
कानूनी मत है कि मौजूदा सरकार को नवगठित 14वीं विधानसभा के पहले सत्र, जो गत वर्ष 4 से 6 नवम्बर तक सम्पन्न हुआ, में ही सदन में विश्वास मत हासिल कर अपने द्वारा राज्यपाल के समक्ष किए गए बहुमत के दावे को कानूनी वैधता प्रदान करनी चाहिए थी। दूसरी ओर सरकार की तरफ से तर्क है कि जब सत्ता पक्ष में पर्याप्त विधायकों की संख्या है व किसी राजनीतिक दल ने इस मुद्दे पर आवाज ही नहीं उठाई है तो इसकी आवश्यकता नहीं बनती। हेमंत ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यदि भाजपा व जजपा का चुनाव पूर्व गठबंठन होता तो इस सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने की संभवत: कोई आवश्यकता न होती लेकिन यह गठबंधन चुनाव पश्चात किया गया है इसलिए फ्लोर टैस्ट करवाना बनता है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 9 सदस्यीय संवैधानिक बैंच के 11 मार्च, 1994 में दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले- एस.आर. बोम्मई बनाम भारत सरकार का हवाला देकर बताया कि कोर्ट ने भी अपने उक्त निर्णय में स्पष्ट किया कि बहुमत साबित करने का उपयुक्त स्थान प्रदेश का राजभवन नहीं अपितु सदन होता है जिसे फ्लोर टैस्ट भी कहा जाता है एवं इस प्रकार हरियाणा की नई भाजपा-जजपा सरकार द्वारा सदन में विश्वास मत हासिल किया जाना चाहिए।