हरियाणा सरकार का फैसला- बसों और ट्रेनों के माध्यम से घर भेजे जाएंगे प्रवासी मजदूर

Edited By Shivam, Updated: 04 May, 2020 01:40 AM

haryana government s decision migrant laborers to be sent home

लाकडाउन का तीसरा चरण लागू होने के बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का फैसला लिया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया है। बैठक में तय किया गया कि हरियाणा के...

चंडीगढ़ (धरणी): लाकडाउन का तीसरा चरण लागू होने के बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का फैसला लिया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया है। बैठक में तय किया गया कि हरियाणा के सीमावर्ती राज्यों में बसों के माध्यम से व हरियाणा से अन्य राज्यों में ट्रेन के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा। सीएम ने कहा कि हरियाणा सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हरियाणा में फंसे भारत के अन्य राज्यों के सभी खेतिहर मजदूर और प्रवासी मजदूर अपने घरों में जल्द से जल्द सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से पहुँचें। 

मनोहर लाल ने कहा कि जैसे कि हर किसान का हर दाना राज्य सरकार ने खरीदने की पुख्ता व्यवस्था की है, वैसे ही हर प्रवासी मजदूर को उसके घर तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों के खेतिहर मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजा जाएगा और बिहार, झारखंड तथा मध्य-प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को राज्य के अलग-अलग स्टेशनों से विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों के माध्यम से भेजा जाएगा। शेष राज्यों के प्रवासी मजदूरों की संख्या में अपेक्षाकृत कम है, इसलिए नई दिल्ली से विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने यूनियनों से आग्रह करते हुए कहा कि वे मजदूरों तथा उनके परिवारों के लिए धैर्य संबंधी सरकार की प्रतिबद्धता के संदेश का प्रसार करें, अन्यथा, लौटने की उनकी उत्सुकता असामाजिक तत्वों द्वारा उनके शोषण का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ और दिनों के लिए कुछ मजदूरों को हरियाणा में समय बिताना होगा, उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, उपयोगी कार्यों में शामिल होने का प्रयास या कुछ नए कौशल सीख सकते हैं। 

बैठक में यह भी सर्वसम्मति थी कि जहां तक संभव हो औद्योगिक मजदूरों को अपनी इकाइयों को फिर से खोलने में सहायता करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न श्रमिकों के प्रतिनिधियों के साथ संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें उद्योगपतियों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों, द्वारा श्रमिकों के लिए मार्च और अप्रैल के महीने के वेतन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकारी कर्मचारियों को दिए जा रहे 17 प्रतिशत डीए में कटौती की कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकारी क्षेत्रों में स्क्रीनिंग के काम में लगी हुई आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पीपीई किट के वितरण को लेकर कोई भेदभाव नहीं होगा।

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