पुलिस में DSP पद न मिलने से हरियाणा सरकार पर भड़के International boxers (Pics)

Edited By Updated: 03 Mar, 2017 01:22 PM

haryana government international boxers raging

हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों को पुलिस में डी.एस.पी. पद नहीं देने का फैसला ले रखा है। लेकिन सरकार का ये फैसला खिलाड़ियों को बेहद अखरने लगा है।

रोहतक (प्रवीन धनखड़):हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों को पुलिस में डी.एस.पी. पद नहीं देने का फैसला ले रखा है। लेकिन सरकार का ये फैसला खिलाड़ियों को बेहद अखरने लगा है। वर्ल्ड नम्बर-2 बॉक्सर स्वीटी बूरा का कहना है कि सरकार खिलाड़ियों को आश्वासन तो देती है लेकिन नौकरी नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें भीम अवार्ड मिलने की खुशी तो है लेकिन गम ये भी है कि अब तक हरियाणा सरकार ने उन्हे कोई नौकरी नहीं दी। स्वीटी बुरा ऐसी महिला बॉक्सर है जिसने अब तक 22 बार नेशनल बॉक्सिंग में गोल्ड मैडल हासिल किया है। लगातार 5 बार इंटर यूनिवर्सिटी चैम्पियन भी रहीं है। यही नहीं एशियन बॉक्सिंग और वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनषिप में सिल्वर मैडल भी जीत चुकी है। 

नौकरी न मिलने का यही दर्द नेशनल कबड्डी प्लेयर और प्रो. कबड्डी स्टार दीपक हुड्डा का भी है। दीपक का भी कहना है कि सरकार कहती तो बहुत कुछ है लेकिन करती नहीं। हिसार के घिराय गांव की बेटी स्वीटी बूरा ने देश के लिए सीनियर वूमेन वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनषिप और एशियन बॉक्सिंग में रजत पदक के साथ 22 बार नेशनल बॉक्सिंग में गोल्ड मैडल हासिल कर रखा है। साल 2009 से ही स्वीटी बूरा लगातार बॉक्सिंग में जूनियर से लेकर सीनियर तक गोल्ड मैडल जीत रही है। हाल ही में उन्हे हरियाणा सरकार ने भीम अवार्ड से भी नवाजा है। स्वीटी बूरा को भीम अवार्ड मिलने की बेहद खुश भी है लेकिन साथ में दर्द भी है। दर्द इसलिए है क्योंकि हरियाणा सरकार ने उन्हे कोई नौकरी नहीं दी।बहादुरगढ़ के मॉर्डन स्कूल के खेल उत्सव में भाग लेने आई अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर स्वीटी बूरा का कहना है कि एक खिलाड़ी को खेल या फिर पुलिस विभाग में ही नौकरी मिलनी चाहिए क्योंकि खिलाड़ी की तैयारी और प्रेजेंनस ऑफ माईंड फोर्स की नौकरी के लायक होता है। स्वीटी बूरा हरियाणा सरकार के खिलाड़ियों को डी.एस.पी. नहीं लगाने के फैसले के खिलाफ भी है।

प्रो. कबड्डी स्टार दीपक हुड्डा का कहना है कि सरकार ने कहा था कि खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाएगी लेकिन अब तक किसी खिलाड़ी को कोई नौकरी नहीं दी गई। उन्होंनें कहा कि पिछली सरकार ने खिलाड़ियों को डी.एस.पी. लगाया था लेकिन इस सरकार ने डी.एस.पी. तो क्या किसी भी खिलाड़ी को कोई नौकरी नहीं दी। दीपक हुड्डा और स्वीटी बूरा से पहले बॉक्सर मनोज भी सरकार से डी.एस.पी. पद पर नौकरी की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। मनोज का नाम तो भीम अवार्ड वालों की लिस्ट में शामिल ही नही किया गया। बॉक्सिंग के ऑल इंडिया कैम्प में भाग ले रही बॉक्सर स्वीटी बूरा का अब पूरा ध्यान आने वाली बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं पर है। उन्होंने बताया कि आने वाले एक साल में प्रो बॉक्सिंग की शुरूआत भी हो सकती है, जिसके कारण बॉक्सिंग को और बढ़ावा भी मिलेगा। 


 

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