पत्रकारों पर मेहरबान हरियाणा सरकार, 10 हजार मिलेगी पेंशन, 5 लाख तक का इलाज मुफ्त

Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 May, 2017 05:14 PM

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हरियाणा की मनोहर सरकार आज पत्रकारों पर खासी मेहरबान दिखी। स्वर्ण जयंती वर्ष को लेकर लोक संपर्क विभाग द्वारा पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम

पंचकूला(चंद्रशेखर धरनी):हरियाणा की मनोहर सरकार आज पत्रकारों पर खासी मेहरबान दिखी। स्वर्ण जयंती वर्ष को लेकर लोक संपर्क विभाग द्वारा पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में करवाए गए जनर्लिस्ट मीट में सीएम ने कई बड़ी घोषणाएं की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा में 20 साल तक पत्रकारिता करने वाले मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकार 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन देगी। इसके साथ ही प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को जरूरत पड़ने पर पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भी किया जाएगा। इसके लिए एक पॉलिसी जल्द ही बनाई जाएगी। सीएम ने मंच से कहा कि रेवाड़ी के गुड़ियानी में पत्रकार बालमुकुंद गुप्त के पैतृक गांव में सरकार स्मारक बनाने पर विचार करेगी। इसके साथ ही सीएम ने न्यूज पोर्टल को भी मान्यता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणाओं के कुछ अंश निम्नलिखित हैं। 
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 पत्रकारों से जुड़ी सीएम की अहम घोषणाएं
हरियाणा सरकार प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया पत्रकारों को भी मान्यता देगी। 
5 साल तक पत्रकारिता करने वाले को मान्यता दी जाएगी। वेब पोर्टल पत्रकारों को भी मान्यता देंगे।
मान्यता प्राप्त पत्रकारों को 5 लाख रुपए का कैशलेस मेडिक्लेम दिया जाएगा। 
* 20 साल निरंतरता की शर्त नहीं रहेगी। 20 साल पत्रकारिता कहीं भी और 60 साल उम्र वाले को भी 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। 
* इलेक्ट्रोनिक मीडिया में उपमंडल स्तर पर मान्यता।
* पत्रकारों का जीवन बीमा 10 और 20 लाख का होगा जो शेयरिंग बेस पर आधारित होगा। 
जिला स्तर पर पत्रकारों के बैठने के लिए DIPRO कार्यालय के साथ 2 कमरों में मीडिया सेंटर बनाया जाएगा। 
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सीएम ने की पत्रकारों की प्रशंसा
जर्नलिस्ट मीट में मंच से संबोधित करते हुए मुख्मयंत्री मनोहर लाल ने पत्रकारों की जमकर प्रशंसा की। सीएम ने कहा कि पत्रकार की समाज में अहम भूमिका है। हरियाणा में पत्रकार बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। मनोहर लाल ने कहा कि पत्रकार रिस्क लेकर अपनी भूमिका अदा करता है। उन्होंने इस दौरान सतलोक आश्रम के संत रामपाल प्रकरण की भी चर्चा की और उसमें मीडिया के टूटे कैमरों का भी जिक्र किया। सीएम ने कहा, "खींचो न कमानों को न तलवार निकालो, जब काम न बने तोपों से तो अख़बार निकालो।" सीएम ने अंत में पत्रकारों को सैल्यूट किया और उन्हें निर्भीक पत्रकारिता करने का मंत्र भी दिया। 
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जर्नलिस्ट मीट को लेकर सीरियस नहीं दिखे सीएम ?
सरकार के इस जर्नलिस्ट मीट को लेकर खुद सरकार के मुखिया सीएम मनोहर लाल भी सीरियस नहीं दिखे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जर्नलिस्ट मीट में 1 घंटा 42 मिनट देरी से पहुंचे। हालांकि सीएम के मंच पर पहुंचते ही सभी ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। सीएम ने देरी से पहुंचने पर खेद भी जताया। 
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एक भी पत्रकार को मंच पर नहीं बैठाया
प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की गई जर्नलिस्ट मीट का नाम पहले पत्रकार सम्मान समारोह रखा गया था। सरकार द्वारा कुछ पत्रकारों को सम्मानित भी किया जाना था लेकिन अचानक से सरकार का मूड बदल गया और उन्होंने इसका नाम सम्मान समारोह से बदलकर केवल जर्नलिस्ट मीट रख दिया। विडम्बना तो ये थी कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के बड़े वरिष्ठ पत्रकार भी पहुंचे थे लेकिन किसी को भी मंच पर बैठने का गौरव नहीं दिया गया। एेसे में हॉल में मौजूद पत्रकारों में इसकी चर्चा भी थी और दुख भी कि आखिर ये कैसा पत्रकार सम्मान समारोह था।

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