हरियाणा सरकार ने पंचकूला जमीन घोटाले का मामला CBI को सौंपा, आलाधिकारियों पर गिर सकती है गाज

Edited By vinod kumar, Updated: 27 Jun, 2020 08:14 PM

haryana government handed over panchkula land scam case to cbi

हरियाणा सरकार ने पंचकूला में सेक्टर विकसित करने को लेकर किसानों से अधिगृहीत जमीन के बदले उन्हें प्लॉट आवंटित करने में हुए घोटाले की जांच का मामला सीबीआई को सौंप दिया। इसकी पुष्टि करते हुए हरियाणा विधान सभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि वर्ष...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार ने पंचकूला में सेक्टर विकसित करने को लेकर किसानों से अधिगृहीत जमीन के बदले उन्हें प्लॉट आवंटित करने में हुए घोटाले की जांच का मामला सीबीआई को सौंप दिया। इसकी पुष्टि करते हुए हरियाणा विधान सभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2016 में पंचकूला के पाॅश इलाकों में शुमार सेक्टर पांच और छह को विकसित करने के लिए किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया गया था।

हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ने इस गोरखधंधे को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने उजागर किया तो सरकार ने जांच के आदेश दे दिए। जांच पूरी करने के बाद गड़बड़झाला साबित हो गया, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।

अधिकारियों ने अपनी पसंद के सिर्फ 13 लोगों को बुलाया था
दरअसल, जिन लोगों की जमीन जिस सेक्टर के लिए इस्तेमाल की गई है, उनको उसी सेक्टर में प्लॉट देने का प्रावधान है। इसी के तहत अधिगृहीत जमीन के बदले प्लाॅट हासिल करने के लिए करीब ढ़ाई सौ किसानों ने आवेदन किया था, जिनमें से 142 को आवेदन करने के लिए पात्र माना गया। तत्कालीन अधिकारियों ने इनमें से अपनी पसंद के सिर्फ 13 लोगों को बुलाया, 13 लोगों के लिए ही प्लाॅट के ड्रा निकाले और उन्हें प्लाॅट आवंटित कर दिए गए। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में यह घोटाला हुआ और अब उनकी ही सरकार ने इसमें सीबीआई जांच के आदेश दिए है।

जिन लोगों की जमीन जिस सेक्टर के लिए इस्तेमाल की गई है, उनको उसी सेक्टर में प्लॉट देने का प्रावधान है। इसे एडजस्ट नहीं किया जा सकता है। हर सेक्टर में टोटल प्लॉट्स में से पांच प्रतिशत आउस्टी कोटे के प्लॉट्स होते हैं। दो बीघा जमीन एक्वायर होने पर जमीन मालिक को दो मरला कैटेगरी, आधा एकड़ जमीन एक्वायर होने तक छह मरला प्लॉट कैटेगरी, एक एकड़ जमीन एक्वायर होने पर 10 मरला कैटेगरी, एक एकड़ जमीन से ज्यादा एक्वायर होने पर 14 मरला प्लॉट के लिए अप्लाई करने का प्रावधान है।

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार घोटाला उजागर हो चुका है। अब सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए कार्रवाई पूरी कर ली गई है। बताया जाता है कि जांच के बाद इस घोटाले में कुछ आलाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

आवंटन के एक सप्ताह के भीतर ही प्लाॅटों को दोबारा से री-सेल भी कर दिया गया
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने जिन 13 लोगों को यह प्लाॅट आवंटित किए गए थे, उन्होंने आवंटन के एक सप्ताह के भीतर ही उन प्लाॅटों को दोबारा से (री-सेल) भी कर दिया। पहले तो इन प्लाटों का आवंटन नियमानुसार नहीं हुआ है। अधिकारियों के दावे के मुताबिक अगर प्लाॅट आवंटन सही भी हुआ हैं, तब भी अगले पांच साल तक न तो इन्हें ट्रांसफर किया जा सकता था और न ही बेचा जा सकता है। ऐसा करने पर भी प्लॉट निरस्त किया जा सकता है।

अधिग्रृहीत भूमि के बदले किसानों को दिए जाने वाले प्लाॅट को आउस्टी कोटा कहते हैं। पंचकूला के सेक्टर पांच और छह को विकसित करने के लिए सरकार ने जब कुछ जमीन अधिगृहीत की तो इसी आउस्टी कोटे के तहत उन्हें दस मरले से लेकर एक कनाल तक के प्लाॅट आवंटित करने के लिए आवेदन मांगे गए। पंचकूला के तत्कालीन भाजपा विधायक एवं मौजूदा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के संज्ञान में जब यह मामला आया तो उन्होंने जांच में पाया कि प्लाॅटों के आवेटन में गड़बड़ की जा रही है। इसकी उन्होंने 2016 में ही सीएम को लिखित शिकायत भी कर दी थी।

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