हरियाणा सरकार ने उद्योगपतियों को दी राहत, सीएम खट्टर ने की बड़ी घोषणा

Edited By vinod kumar, Updated: 27 Mar, 2021 10:27 AM

haryana government gave big relief to industrialists

हरियाणा सरकार की विवादों के समाधान की अनूठी पहल उद्योगपतियों के लिए बड़ी सौगात में बदल गई जब मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एच.एस.आई.आई.डी.सी.) भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और पीनल ब्याज के भुगतान...

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा सरकार की विवादों के समाधान की अनूठी पहल उद्योगपतियों के लिए बड़ी सौगात में बदल गई जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एच.एस.आई.आई.डी.सी.) भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और पीनल ब्याज के भुगतान में बड़ी राहत की घोषणा की। मुख्यमंत्री कल देर सायं औद्योगिक संघों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अलॉटियों द्वारा प्लॉट की लागत और एनहांस्ड कॉस्ट के एकमुश्त भुगतान के लिए एक योजना लाई जाएगी जिससे 2250 उद्योगपति लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत 31 मार्च तक की देनदारियों के लिए ओवरड्यू ब्याज पर 25 प्रतिशत की छूट और पीनल ब्याज पर 100 प्रतिशत माफी प्रदान की जाएगी, बशर्ते पूरी शेष राशि का भुगतान 30 जून तक एक बार में ही किया जाए। इससे 1500 करोड़ की बकाया राशि में से 225 करोड़ के लाभ होने की संभावना है।

एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को अधिक तर्कसंगत और सरल बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 1 अप्रैल से एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को और अधिक तर्कसंगत और सरल बनाया जाएगा। घोषणा अनुसार 3 वर्ष की प्रारंभिक अवधि पूरा होने के बाद परियोजना के पूरा होने के लिए एच.एस.आई.आई.डी.सी. के बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा श्रेणी ए, बी और सी के लिए निर्धारित एक्सटेंशन फीस के भुगतान पर तीन साल तक की अवधि के लिए विस्तारित माना जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि श्रेणी ए संपदा के लिए चौथे और 5वें वर्ष की एक्सटैंशन फीस 50 रुपए प्रति वर्ग मीटर, श्रेणी बी के लिए 25 रुपए प्रति वर्ग मीटर और सी के लिए 10 रुपए प्रति वर्ग मीटर होगी। 

330 आबंटियों को होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि 330 आबंटियों की एक्सटैंशन फीस के मद में लगभग 636 करोड़ की राशि बकाया है। एच.एस.आई.आई.डी.सी. एक्सटेंशन फीस के मद में बकाया राशि का 50 प्रतिशत माफ करेगा। संशोधित मानदंडों के अनुसार 31 मार्च की एक्सटेंशन फीस डिफॉल्ट को क्लीयर करने के बाद अलॉटी आगे के एक्सटेंशन का हकदार होगा। मौजूदा अलॉटी के लिए जहां एक्सटेंशन 6 साल से अधिक है, 5वें वर्ष के लिए एक्सटैंशन फीस पर परियोजना को पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त वर्ष का लाभ मिल सकता है और नई एक्सटेंशन पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा।

6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी
एक्सटेंशन फीस के मामले में उद्योगपतियों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी और प्लाट की अनिवार्य रूप से नीलामी की जाएगी। आबंटी परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, तो 6वें वर्ष के प्रारंभ से पहले अलॉटी प्लॉट की बिक्री के लिए नीलामी द्वारा आवेदन कर सकता है। एच.एस.आई.आई.डी.सी. प्लाट की नीलामी करेगा और शुल्क की कटौती के बाद बिक्री पर लाभ आबंटी के साथ समान रूप से विभाजित हो जाएगा। प्लॉट नीलामी में नहीं बिकता तो एच.एस.आई.आई.डी.सी. की नीति के अनुसार रिज्यूम किया जाएगा। 

ओ.सी. प्रक्रिया का सरलीकरण
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ऐसे मामलों में जब आवश्यकताओं को पूरा करते हुए आबंटी ने आबंटन और व्यवसाय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन शुल्क बकाया होने के कारण ओ.सी. जारी नहीं किया गया था। ऐसे मामलों में निर्णय लिया गया है कि अब ओ.सी. के आवेदन की तिथि से 6 माह के भीतर विभाग इंस्पेक्शन कर लेता है तो आवेदन से इंस्पैक्शन की तिथि तक ही फीस ली जाएगी। विभाग 6 माह के बाद इंस्पैक्शन करता है या नहीं की जाती है तो उस स्थिति में ओ.सी. के आवेदन की तिथि तक ही फीस ली जाएगी। ओ.सी. का यह प्रावधान तब लागू होगा जब आवेदक बकाया राशि का भुगतान कर देगा।

प्रतिष्ठित परियोजनाओं से एग्जिट रूट
मुख्यमंत्री ने निवेश करने वाले उद्योगपतियों को राहत देते हुए घोषणा की कि प्रतिष्ठित परियोजनाओं के मामले में आबंटी वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का लाभ उठाता है और बकाया राशि का भुगतान करता है, तो उन्हें अगस्त 2019 में घोषित पहली एमनेस्टी स्कीम का लाभ दिया जाएगा, जिससे आबंटन के समय निवेश परिबंधता की कमी पूरी होगी। एग्जिट रूट के चुनाव के लिए अलॉटी ने प्रस्तावित फिक्स्ड कैपिटल इनवैस्टमैंट के कम से कम 25 प्रतिशत के निवेश के साथ वाणिज्यिक उत्पादन भी शुरू कर दिया हो।

धन वापसी नियमों को युक्तिसंगत बनाने की भी घोषणा की
प्लॉट के रिसम्पशन/सरेंडर के लिए धन वापसी नियमों को युक्तिसंगत बनाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने बताया कि एच.एस.आई. आई.डी.सी. भूखंडों/साइटों के आत्मसमर्पण पर धन वापसी नियमों में संशोधन करेगा जो सरेंडर करने पर कीमत के 10  प्रतिशत और अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा के साथ बकाया प्लॉट की कीमत और ब्याज पर केवल 10 प्रतिशत की कटौती करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि 25 मार्च से लागू किए गए आत्मसमर्पण आवेदनों पर लागू होगा। 

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