Edited By Deepak Paul, Updated: 17 Apr, 2018 11:37 AM
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में 29 अप्रैल को रैली करने जा रहे राहुल गांधी की रैली को कामयाब बनाने के लिए पार्टी के हरियाणा प्रभारी कमलनाथ ने 17 अप्रैल को दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की बैठक बुलाई है। कांगे्रस की गुटबाजी के चलते...
अम्बाला(ब्यूरो): कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में 29 अप्रैल को रैली करने जा रहे राहुल गांधी की रैली को कामयाब बनाने के लिए पार्टी के हरियाणा प्रभारी कमलनाथ ने 17 अप्रैल को दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की बैठक बुलाई है। कांग्रेस की गुटबाजी के चलते बैठक के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। रैली को कामयाब बनाने में पड़ोसी राज्य होने के नाते हरियाणा की भूमिका खास होगी। हरियाणा कांग्रेस कई गुटों में विभक्त है। विधायकों के मामले में पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा भारी हैं। उनके समर्थक 12 विधायक लगातार प्रदेश कांग्रेस की कमान हुड्डा को सौंपे जाने की मांग करते रहे हैं। एक समय ऐसा लग भी रहा था कि प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है, परंतु राहुल गांधी ने अध्यक्ष बनने के बाद अशोक तंवर का ही कार्यकाल बढ़ा दिया था।
इससे हुड्डा खेमे को निराशा हाथ लगी थी। इसी बीच हुड्डा के खिलाफ सी.बी.आई. ने अदालत में चार्जशीट दायर कर दी। इससे हुड्डा की परेशानियों में इजाफा हो गया। उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। यही कारण माना जा रहा है कि हुड्डा की गिरफ्तारी की सूरत में प्रदेश कांग्रेस को होने वाले नुक्सान की भरपाई के लिए रणदीप सुरजेवाला पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं।
सुरजेवाला पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं लेकिन उन्होंने हरियाणा के सभी कोनों में एक के बाद एक सफल रैली करके अपने मजबूत जनाधार का परिचय देने का काम किया है। सी.बी.आई. की ओर से चार्जशीट दायर होने के बावजूद हुड्डा ने प्रदेश में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए पूरा दम लगाया हुआ है। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी उनका जमकर साथ दे रहे हैं। हुड्डा ने कुलदीप बिश्नोई को भी कांग्रेस में शामिल करवा दिया है।
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर कार्यकाल बढऩे के बाद पूरे जोश से अपनी ताकत मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका हुड्डा के साथ छत्तीस का आंकड़ा है। वह भी प्रदेश में साइकिल यात्रा से अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर चुके हैं। किरण चौधरी अपना अलग गुट बनाकर चल रही हैं। वह प्रदेश की बजाय अपने विधानसभा क्षेत्र और अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लोकसभा क्षेत्र तक सीमित रहकर दोनों की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए काम कर रही हैं।
अहीरवाल में पैठ मजबूत बनाने के लिए किरण ने युवा कांग्रेसी नेता अभिमन्यु राव को अपने साथ जोड़ लिया है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कैप्टन अजय यादव की स्थिति भी लगभग किरण चौधरी जैसी ही है। वह अपने गृह क्षेत्र से बाहर निकलने की बजाय अपने ही हलके तक सीमित हैं। हुड्डा के खिलाफ लगातार बागी तेवरों का इस्तेमाल करने वाले कैप्टन अहीरवाल के दूसरे कांग्रेसी नेताओं को अपने साथ जोडऩे में विफल साबित हुए हैं। प्रदेश के अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उनसे दूरी बनाए हुए हैं। वह अपना अकेले का गुट बनाकर अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में हैं।
यूं हो सकता है हंगामा
कमलनाथ की बैठक में हुड्डा समर्थक विधायक यह मांग कर सकते हैं कि हरियाणा से रैली में भीड़ जुटाने के लिए कमान हुड्डा को सौंपी जाए। कांग्रेस में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई इस बात का समर्थन कर सकते हैं। अशोक तंवर व दूसरे कांग्रेसी इसका विरोध कर सकते हैं, खासकर अशोक तंवर प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे कि रैली की कमान हुड्डा के हाथों में सौंपी जाए। ऐसे में दोनों के समर्थकों के बीच हंगामा होने के पूरे आसार होंगे। सूत्रों के अनुसार अगर ऐसे हालात बनते हैं तो रैली में हरियाणा से भीड़ जुटाने के लिए ‘बीच का रास्ता’ निकालकर रणदीप सुरजेवाला को कमान सौंपी जा सकती है। रैली में प्रदेश से जाने वाली भीड़ आने वाले समय में पार्टी की प्रदेश इकाई में बदलाव भी तय कर सकती है