IAS टॉपर 2020 प्रदीप सिंह सहित 5 को हरियाणा कैडर हुआ अलॉट

Edited By vinod kumar, Updated: 14 Jan, 2021 05:36 PM

haryana cadre allot to 5 including ias topper 2020 pradeep singh

यूपीएससी की परीक्षा में पूरे देश में पहला रैंक हासिल कर आईएएस टॉपर बने सोनीपत जिला के प्रदीप सिंह को गृह राज्य अर्थात हरियाणा कैडर अलॉट कर दिया गया है। इसके साथ ही परीक्षा में 56 वा रैंक प्राप्त करने वाले प्रदेश के एक और निवासी पंकज सहित 48 वां रैंक...

चंडीगढ़ (धरणी): यूपीएससी की परीक्षा में पूरे देश में पहला रैंक हासिल कर आईएएस टॉपर बने सोनीपत जिला के प्रदीप सिंह को गृह राज्य अर्थात हरियाणा कैडर अलॉट कर दिया गया है। इसके साथ ही परीक्षा में 56 वा रैंक प्राप्त करने वाले प्रदेश के एक और निवासी पंकज सहित 48 वां रैंक हासिल करने वाले महाराष्ट्र के दीपक बाबूलाल करवा, 58 वा रैंक हासिल करने वाले तमिलनाडु केसी जयाशरधा और दिल्ली के हर्षित कुमार को भी हरियाणा कैडर अलॉट किया गया है। 

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इस बारे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार कि गत वर्ष हरियाणा के 11 सफल उम्मीदवारों का आईएएस में फाइनल चयन हो पाया था। प्रदीप और पंकज को हरियाणा, जबकि बाकी 9 को अलग अलग राज्य कैडर अलॉट हुए हैं। चौथा रैंक हासिल करने वाले हिमांशु जैन को मध्य प्रदेश कैडर, 35 वां रैंक लेने वाली कंचन को गुजरात, 72 वे रैंक वाली चंद्रिमा अत्री को बिहार कैडर, 86 वे रैंक वाली मधुमिता को ओड़िशा कैडर, 184 वे रैंक वाले  परीक्षित खटाना को उत्तर प्रदेश कैडर, 258 वे रैंक वाले फरमान अहमद खान को आंध्र प्रदेश कैडर, 284 वे रैंक वाले ओजस्वी को पंजाब कैडर, 288 वे रैंक वाले अभिषेक कुमार को आंध्र प्रदेश कैडर एवं 289 वे रैंक वाले दीपक सैनी को उत्तराखंड कैडर अलॉट हुआ है। 

हेमंत ने बताया कि गत वर्ष 16 सितम्बर को केंद्रीय कार्मिक विभाग ने  देश के सभी 25 राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में उन्हें उनके राज्य के संबंध में अलॉट किए गए नव नियुक्त आईएएस अधिकारियों की सम्बंधित कैटेगरी सहित कुल संख्या अर्थात आउटसाइडर-इनसाइडर और उनकी जाति/वर्ग अनुसार जानकारी दी गयी थी। इस पत्र में हरियाणा राज्य को कुल 5 नव नियुक्त आईएएस अधिकारी मिलने थे, जिनमें से 3 आउटसाइडर थे जो सभी अनारक्षित वर्ग से होंगे। जिसमें वर्ष 2019 से लागू  ई.डब्ल्यू.एस (आर्थिक रूप से कमजोर) कैटेगरी भी शामिल थे। वहीं अलॉट शेष 2 इनसाइडर अर्थात  हरियाणा के निवासियों की रिक्तियों का विषय है।

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इस वर्ष इनमें से एक ओ.बी.सी (अन्य पिछड़े वर्ग) एवं एक एससी (अनुसूचित जाति) से थी। इस प्रकार हरियाणा को केंद्र सरकार द्वारा जो पांच नव नियुक्त आईएएस अधिकारी अलॉट किए जाने थे, उसमें से तीन आउटसाइडर यानि दूसरे राज्यों के निवासी, जबकि दो इनसाइडर यानि हरियाणा के निवासी होने थे। हालांकि वो आरक्षित वर्ग से होने चाहिए थे। उन्होंने बताया कि हरियाणा निवासी आईएएस टॉपर प्रदीप सिंह, जो सामान्य जाति से है, उन्हें अपना गृह राज्य हरियाणा कैडर को सामान्य परिस्थितियों में हरियाणा कैडर नहीं मिल सकता था। सितम्बर, 2017 से केंद्र सरकार द्वारा प्रभावी मौजूद आईएएस कैडर आबंटन पॉलिसी के अनुसार अगर किसी राज्य को आबंटित आईएएस रिक्तियों में से इनसाइडर कोटे से कोई योग्य नवनियुक्त आईएएस अधिकारी उपलब्ध न हो पाता, तो एक निर्धारित प्रक्रिया द्वारा उक्त रिक्ति को आउटसाइडर कोटे से भरा जाता है।

अब यह देखने लायक है कि कोई हरियाणा निवासी जनरल वर्ग के आईएएस अर्थात इनसाइडर अनारक्षित रिक्ति न होते हुए भी प्रदीप सिंह को हरियाणा कैडर कैसे अलॉट हुआ? इस सम्बन्ध में उन्होंने कार्मिक विभाग में एक आरटीआई याचिका भी दायर की है। नौ वर्ष पूर्व भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2011 के फाइनल परिणाम, जो वर्ष 2012 में घोषित हुआ, में हरियाणा निवासी एक महिला शेना अग्रवाल ने पूरे देश में पहला रैंक हासिल कर आईएएस 2012 टॉपर बनी, लेकि उस वर्ष केंद्र द्वारा निर्धारित आबंटन में हरियाणा के लिए एक भी इनसाइडर अनारक्षित रिक्ति नहीं थी, जिस कारण शेना को हरियाणा कैडर नहीं मिल सका एवं वर्तमान में वह पंजाब कैडर में आईएएस है। 15 वर्ष पूर्व हरियाणा की एक और  महिला मोना प्रुथी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2005 में टॉप कर आईएएस 2006 टॉपर बनी। उन्हें हरियाणा कैडर अलॉट हो गया था। वर्तमान में मोना बीते सवा दो वर्षो से भारतीय चुनाव आयोग में डेपुटेशन पर हैं।

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सिविल सर्विस परीक्षा-2017 से सम्बंधित रोचक मामले के बारे में हेमंत ने बताया कि हरियाणा निवासी अनु कुमारी ने फाइनल परीक्षा में सम्पूर्ण देश में दूसरा स्थान तो प्राप्त किया एवं उस वर्ष हरियाणा में एक अनारक्षित इनसाइडर रिक्ति भी थी, लेकिन फिर भी उन्हें गृह राज्य नहीं मिल पाया। चूंकि वह निर्धारित समय पर अपनी पसंद का जोन यूपीएससी को नहीं सौंप पाई थी। हालांकि उनका दावा था कि सिस्टम में कुछ गड़बड़ी होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पायी थी। 

अपना गृह राज्य कैडर न मिलने के कारण अनु ने पहले केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल, दिल्ली में याचिका डाली, जहां उसे राहत नहीं मिली। जिसके बाद वह दिल्ली हाईकोर्ट गई। जहां उनकी अर्जी स्वीकार कर ली गयी। हालांकि इस निर्णय के विरूद्ध केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट गई. जहां अप्रैल, 2019 में शीर्ष कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया। जिसके फलस्वरूप अनु वर्तमान में केरल कैडर की आईएएस हैं। वहीं अनु से एक स्थान  नीचे तीसरे रैंक पर रहे सचिन गुप्ता को हरियाणा कैडर अलॉट हो गया एवं वर्तमान में वह अम्बाला शहर में एसडीएम तैनात हैं।

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