Edited By Deepak Paul, Updated: 23 Feb, 2019 12:24 PM
हरियाणा विधानसभा के सत्र का आज चौथा दिन हैं, जिसमें सरकार प्रदेश में एक बार फिर से 13 साल बाद एक्सग्रेसिया पॉलिसी को लागू करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने खाका और कैबिनेट नोट भी तैयार कर लिया है। जरूरी औपचारिकताओं के बाद प्रदेश में इस पॉलिसी को...
चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा विधानसभा के सत्र का आज चौथा दिन हैं, जिसमें सरकार प्रदेश में एक बार फिर से 13 साल बाद एक्सग्रेसिया पॉलिसी को लागू करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने खाका और कैबिनेट नोट भी तैयार कर लिया है। जरूरी औपचारिकताओं के बाद प्रदेश में इस पॉलिसी को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि हरियाणा में वर्ष 2006 में एक्सग्रेसिया पॉलिसी को तत्कालीन सरकार ने खत्म कर दिया था जिसके बाद उसे कई सालों बाद फिर से शुरु किया जाएगा।
उसके बाद से लेकर आज तक सेवारत कर्मचारियों के आकस्मिक निधन पर उनके परिजनों को सरकारी नौकरी का लाभ नहीं मिलता था, जबकि इस संदर्भ में आश्रित को पेंशन इत्यादि भी पुराने पैटर्न पर ही मिलती थी। प्रदेश में मृतक कर्मचारियों के परिजनों में इस पॉलिसी के खत्म किए जाने पर बहुत ज्यादा रोष चल रहा था।
इन मृतक कर्मियों के परिजन एक संगठन बनाकर प्रदेश में इस नीति का फिर से लागू करवाने के लिए लगातार सरकार से मांग कर रहे थे। इस बाबत आश्रितों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी ज्ञापन सौंपा था। सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र में कर्मचारियों से इस पॉलिसी को लागू करने का वादा किया था।
अब विधानसभा के बजट सत्र में जवाब देते हुए सीएम ने इस पॉलिसी को नई शर्तों के साथ लागू करने की घोषणा कर दी है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2006 इस नीति को तत्कालीन सरकार ने खत्म कर दिया था। लेकिन हमने इस नीति पर फिर से विचार कर इसका कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है और जल्द इसे लागू किया जाएगा।
जानिए नई शर्ते
- यदि सेवारत कर्मचारी की मृत्यु 48 वर्ष या इससे कम वर्ष की आयु के दौरान होती है तो उसके परिवार में किसी एक को नौकरी दी जाएगी।
- आश्रित परिवार के पास यह विकल्प रहेगा कि वे इस पॉलिसी के तहत नौकरी लेना चाहते हैं या फिर मृतक कर्मचारी की रिटायमेंट तारीख (58 वर्ष) तक उसकी निर्धारित पूरी सैलरी चाहते हैं।
- यदि सेवारत कर्मचारी की मृत्यु 48 वर्ष आयु के बाद होती है, तो आश्रित परिवार को सिर्फ उसकी रिटायरमेंट तारीख (58 वर्ष) तक पूरी सैलरी मिलेगी, नौकरी नहीं।
- पहले मृतक कर्मचारी जिस विभाग में काम करता था, उसी विभाग में उसके आश्रित को नौकरी मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
- अब आश्रित परिजन को उसकी योग्यता के अनुसार किसी भी विभाग में मृतक कर्मचारी के पद से वन स्टैप डाउन पद पर नौकरी मिलेगी।