हरियाणा बजटः शिक्षा बजट में झलका 'केजरीवाल मॉडल', जानिए क्या रहा इस बार खास

Edited By Isha, Updated: 29 Feb, 2020 06:33 PM

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हरियाणा सरकार के शैक्षणिक बजट में दिल्ली की केजरीवाल सरकार का शिक्षा मॉडल झलक रहा है। मनोहर सरकार ने कुल बजट का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा बजट को आबंटित किया है जबकि

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): हरियाणा सरकार के शैक्षणिक बजट में दिल्ली की केजरीवाल सरकार का शिक्षा मॉडल झलक रहा है। मनोहर सरकार ने कुल बजट का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा बजट को आबंटित किया है जबकि पिछले बजट में 9 प्रतिशत था। हरियाणा सरकार ने वर्ष 2020-21 के शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 19639.18 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव दिया है। वर्ष 2019-20 के संशोधित बजट 15271.10 करोड़ से इस दफा के बजट में 28.60 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है। 

उच्च शिक्षा के लिए 2936.20 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव दिया है जो बजट अनुमान 2019-20 पर 41.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्शा रहा है। तकनीकी शिक्षा के लिए 705.04 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव दिया गया है जो संशोधित अनुमान 2019-20 के 581.02 करोड़ पर 21.35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दिखा रहा है। मौजूदा बजट में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया गया है। शैक्षणिक आधारभूत ढांचे में व्यापक सुधार और विस्तार की बात की गई है।  छात्रवृत्तियां, स्कूलों में शौचालय, साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था और गरीब परिवार के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है।

यह मिला शिक्षा बजट में

  • विद्यार्थियों को पढ़ाई की तरफ आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री सक्षम छात्रवृत्ति योजना के तहत 5वीं में न्यूनतम 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को 6वीं, 7वीं और 8वीं कक्षा में 1500 से लेकर 6000 रुपए तक की 
  • वार्षिक छात्रवृत्ति।
  • स्वच्छ भारत प्रांगण स्कीम के तहत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में परिसर, अध्ययन कक्षों व शौचालयों की सफाई, पेयजल का प्रबंध, 
  • पौधों को पानी देने के लिए पूर्णकालिक बहुउद्देशीय कार्यकत्र्ताओं की नियुक्ति।
  • कनि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत एक लाख 80 हजार रुपए वार्षिक से कम आय वाले गरीब परिवारों के 9वीं से 12वीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण करने वाले ं विद्यार्थियों को 2020-21 से किसी प्रकार की फीस भी नहीं देनी होगी।
  • 3 से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 4000 प्ले वे स्कूल खोलने का निर्णय किया है। यही नहीं कामकाजी महिलाओं के शिशुओं के लिए 500 नए क्रैच भी खोले जाएंगे।
  •  शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए  अब यहां 119 राजकीय आदर्श संस्कृति स्कूल खोले जाएंगे। बस्तामुक्त एवं अंग्रेजी माध्यम 

     
  • 418 प्राथमिक स्कूलों की तर्ज पर 1000 नए स्कूलों की स्थापना की जाएगी।
  • 8वीं के बच्चों की इसी शैक्षणिक सत्र से बोर्ड परीक्षा शुरू कर दी जाएगी। मिड डे मील के तहत 
  • बच्चों को एक दिन बेसन का लड्डू/पिन्नी के साथ हर रोज पीने को दूध दिया जाएगा।
  • जिन गांवों में उच्च या वरिष्ठ माध्यमिक उच्च विद्यालय नहीं है वहां 9वीं या 11वीं कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को नि:शुल्क साईकिलें प्रदान की जाएंगी।
  • विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए 1487 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों जहां विज्ञान संकाय उपलब्ध है, उन्हें स्मार्ट स्कूल बनाया जाएगा। बच्चों को नि:शुल्क यातायात की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। यही नहीं विज्ञान को कृषि से जोडऩे के लिए सरकारी महाविद्यालयों और पॉलिटेक्निकों में मिट्टी परीक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। आगामी वर्ष में 10 नए राजकीय महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय की कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। 10वीं के बाद विज्ञान के विषयों में पढ़ाई के लिए विज्ञान प्रोत्साहकों की भर्ती की जाएगी। 
  • देश से बाहर के विश्वविद्यालयों में पढऩे के इच्छुक बच्चों के लिए महत्वकांक्षी योजना के तहत पासपोर्ट सहायता भी प्रदान की जाएगी।

     
  • डिजीटल पुस्तकालयों के माध्यम से विश्वस्तरीय पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी।
  • कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रावासों में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।
  • सरकारी महाविद्यालयों में छात्राओं को सुरक्षित वातावरण देने और 24 घंटे निगरानी के लिए 2000 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का भी प्रावधान किया गया है।

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