SYL मुद्दे का नया समाधान, जानिए कैसे लाया जा सकता है सतलुज का पानी

Edited By Updated: 27 Dec, 2016 11:00 AM

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हरियाणा के पूर्व जन स्वास्थ्य मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ के पुत्र जतिंद्र नाथ ने पंजाब व हरियाणा के बीच लंबे अर्से से एस.वाई.एल. के चले आ रहे विवाद का नया समाधान देते हुए कहा कि इस समस्या का एकमात्र समाधान केवल हिमाचल प्रदेश से सीधे नहर के रास्ते...

चंडीगढ़ (संघी): हरियाणा के पूर्व जन स्वास्थ्य मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ के पुत्र जतिंद्र नाथ ने पंजाब व हरियाणा के बीच लंबे अर्से से एस.वाई.एल. के चले आ रहे विवाद का नया समाधान देते हुए कहा कि इस समस्या का एकमात्र समाधान केवल हिमाचल प्रदेश से सीधे नहर के रास्ते भाखड़ा डैम से पानी लाना है। 

इस समाधान से हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देने में पंजाब का दखल ही समाप्त हो जाएगा। सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में इस नए समाधान की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के राज्यपालों तथा मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन भेज दिए हैं और उनसे प्रजातंत्र के लिए वकील संघ के बैनर के तहत भेंट करने का समय दिए जाने का भी आग्रह किया है। 

उन्होंने कहा कि यह संघ नववर्ष से पंजाब एवं हरियाणा की जिला बार एसोसिएशनों व ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के साथ एस.वाई.एल. के इस नए समाधान पर परिचर्चा करने के लिए अभियान शुरू करेगा। 

वहीं उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की नाकामी के कारण सतलुज नदी का 43 प्रतिशत पानी अनुपयोगी होकर पाकिस्तान जा रहा है। सतलुज का पानी को ले जाने के लिए पंजाब में सरहिंद कैनाल सिस्टम ही भाखड़ा में मेन लाइन है। इस कैनाल की क्षमता 12620 क्यूसिक है। लेकिन इसमें 11500 क्यूसिक से अधिक पानी कभी नहीं बहा। जब सतलुज नदी में रावी व ब्यास का पानी डाला गया तो गोबिंद सागर में मिलने से इसमें पानी और बढ़ गया लेकिन सरहिंद कैनाल सिस्टम की क्षमता नहीं बढ़ी। जिस कारण पंजाब के हिस्से का 43 प्रतिशत पानी अनुपयोगी होकर रह गया। 

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