सामान्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाई, मरीज परेशान

Edited By Updated: 05 Nov, 2016 11:23 AM

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प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के चाहे लाखों दावे करे, मगर दादरी शहर को जिले

चरखी दादरी (राजेश): प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के चाहे लाखों दावे करे, मगर दादरी शहर को जिले का दर्जा मिलने के बाद भी सामान्य अस्पताल में एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के बराबर ही मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं मिल पा रही हैं। 

 

ऐसा हम नहीं बल्कि यहां उपचार के लिए आने वाले लोगों का कहना है। अस्पताल में चिकित्सक स्टाफ की कमी कहे या फिर व्यवस्था में लापरवाही कुछ भी हो आखिर इसका खमियाजा यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों को झेलना पड़ रहा है। घंटों तक चिकित्सकों के कक्षों के सामने लगी मरीजों की कतार, हाथों में ओ.पी.डी. पर्ची लिए चिकित्सकों की तलाश में अस्पताल परिसर में घूमते रोगियों की हालत यहां की चिकित्सा व्यवस्था का नजारा बयां कर रही है। अस्पताल परिसर में देखने को मिला कि मरीज कभी एक तो कभी दूसरे कक्ष में चैकअप करवाने के लिए भटकते रहे। 

 

अस्पताल में एमरजैंसी ड्यूटी कक्ष के सामने मरीजों की लम्बी कतार लगी रहती है। बीमारी से परेशान मरीज इलाज के लिए एक-दूसरे से पहले चैकअप करवाने की होड़ में लग गए, जिस कारण व्यवस्था बिगड़ गई। यह देख अस्पताल की ओर से एक अन्य कर्मी को एमरजैंसी कक्ष में भेजा जाता है और मरीजों की पर्ची एकत्रित कर ली जाती है। कतार में खड़े मरीजों को उम्मीद होती है कि अब चिकित्सक उनका उपचार करेंगे लेकिन इस कार्रवाई को भी एकाध घंटा बीत जाता है कोई भी चिकित्सक उनकी सुनने के लिए नहीं पहुंचा। 

 

घंटों तक नहीं होता चैकअप
सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए आए रामरती, रोशनी, रमेश कुमार, कमलेश, सुशीला, कमला आदि ने कहा कि वे सुबह से यहां बैठे हैं उनका दवाई तो दूर चैकअप भी नहीं किया गया है। ड्यूटी कक्षों से चिकित्सक गायब रहते हैं। अस्पताल में मरीज स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। चैकअप के बिना वे दवाई भी नहीं ले सकते हैं। चैकअप में ही घंटों लग जाते हैं। 

 

भटकते रहते हैं मरीज 
अस्पताल में उपचार के लिए मरीज चिकित्सकों की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। कभी उन्हें 7 तो कभी 8 नंबर में जाने को कहा जाता। एमरजैंसी कक्ष में चिकित्सक की नियमित तैनाती नहीं होने से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसा नहीं था कि यहां तैनात चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं थी, वह कभी एमरजैंसी वार्ड तो कभी अन्य कार्य के चलते अपने कक्ष में नहीं बैठ पा रही थी। यहां साफ हो जाता है कि अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है। यही कारण है कि उपचार के लिए मरीजों को घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।  

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