Edited By vinod kumar, Updated: 15 May, 2021 08:33 PM
कुछ दिन पहले कैथल के सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों की दुर्दशा को लेकर हरदीप नामक व्यक्ति ने तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की थी, जिसमें दो महिला मरीज व एक बुजुर्ग दिख रहे हैं। वीडियों में एक बुजुर्ग को रस्सी से बांधकर कर रखा हुआ है और दो...
कैथल (जोगेंद्र कुंडू): कुछ दिन पहले कैथल के सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों की दुर्दशा को लेकर हरदीप नामक व्यक्ति ने तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की थी, जिसमें दो महिला मरीज व एक बुजुर्ग दिख रहे हैं। वीडियों में एक बुजुर्ग को रस्सी से बांधकर कर रखा हुआ है और दो महिलाएं असहाय हुई अस्पताल के बाथरूम में बैठी हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई। जिसके बाद इस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सीएमओ कैथल से इसकी रिपोर्ट भी तलब की थी। इसको लेकर सीएमओ द्वारा दो डॉक्टरों की कमेटी भी गठित की गई है।
अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने वाले हरदीप बदसूई के खिलाफ अस्पताल द्वारा शिकायत दी गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कल रात हरदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिस पर हरदीप ने अपने वकील के माध्यम से हरियाणा सरकार व पुलिस को एक लीगल नोटिस दिया है।
नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों का हवाला दिया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कोरोना की शिकायत सोशल मीडिया पर डालने वाले मीडिया कर्मी व आमजन पर एफआईआर दर्ज न करने पर रोक लगाई हुई है। इसके साथ पूरे देश की पुलिस को यह आदेश दिए हैं कि यदि कोई पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी तो उसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा और संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
इसकी जानकारी देते हुए अधिवक्ता प्रदीप कुमार रापड़िया ने बताया कि इस महामारी के दौरान लोग पहले ही बहुत दुखी हैं और पुलिस द्वारा उनके ऊपर इस तरह का तानाशाही रवैया सच में न्याय संगत नहीं है। क्योंकि हरदीप द्वारा जो वीडियो सोशल मीडिया पर डाली गई हैं, उनमें अस्पताल की सुविधाओं की कमी दिखाई गई है। जिस पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी संज्ञान लिया और कैथल के सीएमओ से इसकी रिपोर्ट भी तलब की। इसलिए यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का बनता है।