Edited By Manisha rana, Updated: 05 Dec, 2020 09:27 AM
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि केंद्र सरकार को हठधर्मिता छोड़कर किसानों की मांग पूरी करनी चाहिए। तीनों कृ षि कानूनों को रद्द करके किसानों की मांग अनुसार पूर्व की व्यवस्था बहाल की जाए। माजरा किसान आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया...
कैथल : पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि केंद्र सरकार को हठधर्मिता छोड़कर किसानों की मांग पूरी करनी चाहिए। तीनों कृ षि कानूनों को रद्द करके किसानों की मांग अनुसार पूर्व की व्यवस्था बहाल की जाए। माजरा किसान आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश की व्यवस्था को अंतर्राष्ट्र्रीय व्यवस्थाओं के अनुरूप समझ लिया है जबकि हमारे देश की जमीनी हकीकत दूसरे देशों से अलग है। यहां कृ षि आधारित अर्थव्यवस्था है जिसमें किसान अहम कड़ी ही नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था का आधार है। बेशक हरियाणा में किसान आंदोलन को कु लने का प्रयास किया गया हो लेकिन अब पूरे देश का किसान जाग उठा है। देश की राजधानी के चारों ओर किसान जमे हैं। उनका किसानों को पूर्ण रूप से समर्थन है। सरकार एम.एस.पी. लिखित में दे।
किसानों की फसल खरीद की पुरानी व्यवस्था को मजबूत करे। आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक फिर से तय किए जाएं ताकि आलू, प्याज व टमाटर जैसी वस्तुओं के दाम नियंत्रित रह सकें। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को हल्के में न ले। किसानों की बात माने और उन्हें सम्मान के साथ दिल्ली से वापस लौटाए। अन्नदाता किसी को परेशान करने के लिए नहीं बल्कि अपने हक के लिए लड़ रहा है। इसीलिए किसानों को लेकर ऊल-जलूल बयानबाजी करने वाले नेताओं, पार्टियों को किसान पहचान रहे हैं। वे अपने भविष्य के लिए, रोजी- रोटी के लिए लड़ रहे हैं, न कि किसी राजनीतिक दल के कहने से या किसी कार्पोरेट घराने के लिए। किसानों का अपमान न किया जाए। उनकी मांगें पूरी कर शीघ्र सम्मान लौटाया जाए।