Edited By Isha, Updated: 28 Jun, 2019 06:10 PM
प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई जल ही जीवन मुहीम रंग ला रही है। भूजल स्तर को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गम्भीर प्रयासों को किसानों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 7 जिलों में तकरीबन 40 हजार हैक्टेयर
करनाल(के.सी आर्य)- प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई जल ही जीवन मुहिम रंग ला रही है। भूजल स्तर को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गम्भीर प्रयासों को किसानों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 7 जिलों में तकरीबन 40 हजार हैक्टेयर जमीन पर किसानों ने धान की रोपाई को दरकिनार करते हुए मक्का, दलहन, तिलहन की ओर रुख किया है।
हरियाणा सरकार की इस योजना की नीति आयोग की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी सराहना की गई है। करनाल कृषि विभाग के उपनिदेशक आदित्य डबास ने बताया की केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 76 प्रतिशत हिस्से में तेजी से भूजल स्तर गिरा है जिसको बचाने के सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन जिलों में धान की रोपाई इस का एक मुख्य कारण है। भूजल बचाने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जल ही जीवन योजना को शुरू करते हुए धान की बजाय मक्का, दलहन, तिलहन उगाने का आह्वान किया।
इस प्रक्रिया में प्रदेश के उन 7 खण्ड पर फोकस किया गया, जहां धान की फसल लेने के लिए अधिकाधिक जल दोहन हो रहा था। इसके लिए किसान को प्रति एकड़ 2000 रुपए का सहयोग, अच्छी गुणवत्तापरक बीज की उपलब्धता, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान के हिस्से के प्रीमियम को सरकार द्वारा वहन, फसल बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध करवाते हुए किसान को अच्छा मूल्य दिलाना सुनिश्चित करने के भरोसे से भी किसान जागरूक हुआ। आदित्य डबास ने बताया की योजना के तहत करनाल में 12 हजार एकड़ का लक्ष्य रखा गया है , अब तक दस हजार 500 एकड़ में किसानों ने मक्का की बिजाई के लिए मक्का की खरीद की है।