Edited By Isha, Updated: 16 Feb, 2021 10:11 AM
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्व की सबसे पवित्र एवं ज्ञान की देवी सरस्वती नदी का उदगम स्थल हरियाणा प्रदेश में आदि बद्री यमुनानगर में है। इस स्थल पर सरकार की तरफ से डैम, बैराज और सरस्वती सरोवर का निर्माण करने की परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपए के...
कुरुक्षेत्र (धमीजा): मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्व की सबसे पवित्र एवं ज्ञान की देवी सरस्वती नदी का उदगम स्थल हरियाणा प्रदेश में आदि बद्री यमुनानगर में है। इस स्थल पर सरकार की तरफ से डैम, बैराज और सरस्वती सरोवर का निर्माण करने की परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना के तहत बाढ़ के पानी से प्रभावित तकरीबन 894 हैक्टेयर भूमि पर बरसात के समय आने वाले पानी का प्रबंध किया जाएगा। इतना ही नहीं पवित्र नदी सरस्वती को मारकंडा नदी के साथ जोडऩे का काम भी शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल सोमवार को चंडीगढ़ से वर्चुअल रुप अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2021 को लेकर विद्या भारती के सभागार में आयोजित हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड एवं विद्या भारती संस्कृति शिक्षण संस्थान के तत्वाधान में सरस्वती नदी नई सम्भावना और इसकी विरासत विषय पर आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सैमीनार में बतौर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, ए.सी.एस. अमित झा के साथ-साथ अमेरिका, यूरोप सहित 7 देशों के वैज्ञानिक और 1 लाख लोग वर्चुअल रूप से सैमिनार के साथ जुड़े।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बसंत पंचमी और सरस्वती महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पदम विभूषण स्वर्गीय डा. दर्शन लाल जैन के प्रयासों से ही सरस्वती नदी को फिर से धरातल प्रवाहित करने की योजना को तैयार किया गया। जब सरकार की यह योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा तभी स्वर्गीय डा. दर्शन लाल जैन को सही मायनों में श्रद्घाजंलि होगी। उन्होंने कहा कि पवित्र नदी सरस्वती सभ्यता, संस्कृति और शिक्षा की जननी और पालक रही है, इस पवित्र नदी को फिर से धरातल पर लाने के प्रयास सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। वेदों की रचना और पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश भी इसी पवित्र नदी के किनारे पर जन्मे और इस नदी के बारे में जितनी भी शंकाए थी, उनका समाधान किया जा चुका है।