जाति-धर्म का नशा पिलाकर जनता को गुमराह कर रही सरकार: शमशेर सिंह गोगी

Edited By Manisha rana, Updated: 11 Aug, 2021 03:08 PM

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20 अगस्त को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है। इसे लेकर सरकार और विपक्ष दोनों ही तैयारियों में लगे हैं। इस मानसून सत्र के दौरान प्रमुख मुद्दे लॉ एंड ऑर्डर, महंगाई...

चंडीगढ़ (धरणी) : 20 अगस्त को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है। इसे लेकर सरकार और विपक्ष दोनों ही तैयारियों में लगे हैं। इस मानसून सत्र के दौरान प्रमुख मुद्दे लॉ एंड ऑर्डर, महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन, पेगासस कांड, पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला और किसानों को कनेक्शन न मिलने जैसे मुद्दे प्रमुख रहने वाले हैं। इस बारे में आज असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी ने इन प्रमुख मामलों को लेकर सरकार पर कई सवालिया निशान लगाए। उन्होंने कहा कि सोनीपत में एक नाबालिक बेटी के साथ उसकी मां के सामने गैंगरेप जैसी घटना सरकार की कथनी और करनी को स्पष्ट करने के लिए काफी है।

सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे केवल और केवल दिखावे मात्र के लिए लगाती है। आज प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रही अपराध की घटनाओं की गिनती देश में सबसे अधिक है। एक सेशन शुरू होने से पहले पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला बेहद शर्मनाक है। 8 लाख बच्चे इस पेपर की लगातार तैयारियों में जुटे थे। कई हजार रुपए खर्च करके बच्चे पेपर देने पहुंचे। लेकिन भर्ती कैंसिल कर दी गई। यह सरकार द्वारा जानबूझकर पेपर लीक किया गया है।क्योंकि सरकार सरकारी नौकरी देना ही नहीं चाहती। बेरोजगारी को बढ़ाकर जनता को भुखमरी तक ले जाना चाहती है। ताकि ऐसे हालात पैदा हो कि जनता रोटी- रोटी को तरसे और कुछ उद्योगपतियों के नीचे काम करती रहे और हमारे हुकुम मानती रहे।

शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि आज देश में लोकतंत्र को राजतंत्र में बदलने के लिए पेगासस जासूसी जैसा कांड हुआ। लेकिन सरकार चुप है। मैंने सरकार का एक और बयान पढ़ा कि सरकार ने कोई पेमेंट नहीं की। यह और ज्यादा खतरनाक विषय है। क्योंकि अगर देश का या बाहर कोई व्यक्ति एनएसओ में पेमेंट करके देश के सुप्रीम कोर्ट के जजों, मिलिट्री के अधिकारियों, इलेक्शन कमिशन और पत्रकारों की जांच करवा रहा है तो इसका मतलब देश दोबारा से गुलामी की तरफ जा रहा है। देश के राज में बैठे लोग झूठ बोल रहे हैं। उनकी नियत खराब है। जनता और पार्लियामेंट को गुमराह कर रहे हैं। अगर वह सही है तो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच सरकार को करवानी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। अब जनता मानने लगी है कि यह हमें जाति-धर्म का नशा पिला कर हमें गुमराह कर रहे हैं।

शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि किसानों के 3-3 लाख रुपए जमा है। पूरा जीरी का सीजन चला गया। सरकार ने केवल गुजरात की एक फर्म को ठेका दिया। कहीं खंबे नहीं हैं, कहीं तारे नहीं है, तो कहीं ट्रांसफार्मर नहीं है। सरकार की यह भी एक सोची समझी साजिश है। ताकि किसान दुखी होकर किसानी छोड़कर भाग जाए। आज पूरे प्रदेश की सोसाइटियों में जानबूझकर खाद नहीं भेजी जा रही और बाहर प्राइवेट लोगों से किसान खाद खरीदने को मजबूर हैं और जरूरत नहीं होने पर भी किसानों को मजबूरी में पेस्टीसाइड भी प्राइवेट लोगों से खरीदने पड़ते हैं। यह सरकार नहीं है। यह बाड़ ही खेत को खा रही है। ऐसे में खेत कैसे बच पाएगा ? जनता को जागना चाहिए। ऐसी निर्दयी और संवेदनहीन सरकार से बचना चाहिए। आज भाजपा और जजपा की सरकार में मची लूट को दुनिया जान चुकी है। लूट के पीछे सरकार के मुखिया नहीं है तो उन्हें सफाई देनी चाहिए। गोगी ने कहा कि हम इन सभी मुद्दों को सदर में उठाएंगे। पेपर लीक मामले की सफाई के बाद ही कोई कार्यवाही आगे बढ़ेगी। जनता ने हमें भी पक्ष में बिठाया है। हम विपक्ष के धर्म को निभाएंगे और सरकार को नंगा करना हमारा धर्म है।

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