सरकारी संस्थान नहीं भर रहे प्रॉपर्टी टैक्स, 67.14 करोड़ सम्पत्ति कर पैंडिंग

Edited By vinod kumar, Updated: 15 Dec, 2019 04:44 PM

government institutions are not paying property tax

सी.एम. सिटी में सरकारी संस्थान ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवा रहे। नगर निगम ने जो सूची तैयार की है उसमें 70 संस्थानों के नाम हैं। केंद्र सरकार के 10 संस्थानों पर 67.14 करोड़ संपत्ति कर बकाया है। जबकि राज्य सरकार के 60 विभागों को 40.35 करोड़ रुपए...

करनाल(मनोज): सी.एम. सिटी में सरकारी संस्थान ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवा रहे। नगर निगम ने जो सूची तैयार की है उसमें 70 संस्थानों के नाम हैं। केंद्र सरकार के 10 संस्थानों पर 67.14 करोड़ संपत्ति कर बकाया है। जबकि राज्य सरकार के 60 विभागों को 40.35 करोड़ रुपए निगम में जमा करवाने हैं। यह आंकड़ा 31 मार्च 2019 तक का है। 

एन.डी.आर.आई. पर सबसे अधिक राशि बकाया है। केंद्र सरकार के इस संस्थान की 2 यूनिट सूची में दर्ज हैं। इन पर कुल 45.39 करोड़ बकाया हैं। आई.ए.आर.आई. ने 11.87 करोड़ अभी तक नहीं चुकाए हैं। कृषि विश्वविद्यालय का संपत्ति कर भी 7.21 करोड़ का आंकड़ा छू चुका है। इस फैहरिस्त में पब्लिक हैल्थ भी पीछे नहीं है।

 इस विभाग को 1.13 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाना है। बार-बार नोटिस के बाद भी सरकारी संस्थान अरबों की राशि पर कुंडली मारे बैठे हैं। निगम की बेचैनी लगातार बढ़ रही है और बैंक बैंलेंस घट रहा है। सालों से बकाया राशि को वसूलने के लिए संस्थानों को अब फिर से रिमाइंडर भेजने की तैयारी हो रही है। अब इसे रद्दी की टोकरी में डाला जाएगा या फिर इस बार निगम अपना पैसा वसूलने में कामयाब होगा। यह समय ही बताएगा।  

यूं बढ़ती गई राशि 
31 मार्च 2016 तक के आंकड़ों के हिसाब से शहर के 43 संस्थानों पर 63 करोड़ 68 लाख रुपए बकाया थे। 31 मार्च 2017 में यह 90 करोड़ को पार कर गया। 2018 में भी किसी संस्थानों ने राशि जमा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजन 31 मार्च 2019 को संपत्ति कर आंकड़ा एक अरब 7 करोड़ को भी पार कर गया।   

शहर के नामी प्राइवेट संस्थान भी राडार पर 
सरकारी संस्थानों के अलावा निगम ने शहर के प्राइवेट संस्थानों की भी एक लिस्ट तैयार की है। इसमें 25 नाम शामिल किए गए हैं। इन पर 27.77 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स पैंडिंग है। इनमें कुछ ऐसे हैं जिनका शहर में काफी नाम है। खाली हुए खजाने को भरने के लिए निगम सख्ती के मूड में है। इसलिए इन्हें भी नोटिस भेजा जाएगा। 

दिसम्बर तक ब्याज की छूट 
प्रॉपर्टी टैक्स की एकमुश्त राशि जमा कराने पर सरकार ने 10 प्रतिशत की छूट दे रखी है। इसकी अवधि 31 दिसम्बर तक है। इसके अलावा वर्ष 2019-20 का संपत्ति कर भरने पर 10 प्रतिशत की अलग से छूट भी है। वर्ष 2017 में सरकारी संस्थानों को प्रॉपर्टी टैक्स पर 25 प्रतिशत की एकमुश्त छूट दी गई थी। लेकिन यह भी इन्हें रास नहीं आई थी।   

निशांत यादव, कमिश्नर, नगर निगम, करनाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों पर अरबों का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। बार-बार नोटिस के बाद भी हालात जस के तस हैं। इनमें केंद्र सरकार के 10 और राज्य सरकार के 60 विभाग हैं। सभी विभागाध्यक्षों को अर्ध सरकारी पत्र देकर बकाया टैक्स अदा करने के लिए कहा जाएगा। केंद्र सरकार के जितने भी विभाग हैं। उन्हें बुलाकर बातचीत करेंगे। 

इस वित्त वर्ष में आए साढ़े 5 करोड़
वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक निगम कार्यालय में करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में जमा हुए। यह आंकड़ा एक अप्रैल 2019 से लेकर अब तक का है। कुछ बैंकों में जमा हुई राशि का लेखा-जोखा इसमें शामिल नहीं है। निगम के बजट अनुसार संपत्ति कर की डिमांड इस बार 10 करोड़ हैं। बीते वित्त वर्ष में 13 करोड़ की आमदनी प्रॉपर्टी टैक्स से। 

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