Edited By Isha, Updated: 22 Nov, 2019 04:15 PM
धान की सरकारी खरीद में कथित धांधली का मामला दिन-प्रतिदिन तूल पकड़ रहा है। राइस मिलर्स और सरकार आमने सामने हो गई है। सरकार ने राइस मिलर्स पर पुलिस और विभागीय कर्मचारियों का पहरा बिठा दिया है। जिसको लेकर राइस
कुरुक्षेत्र(धमीजा): धान की सरकारी खरीद में कथित धांधली का मामला दिन-प्रतिदिन तूल पकड़ रहा है। राइस मिलर्स और सरकार आमने सामने हो गई है। सरकार ने राइस मिलर्स पर पुलिस और विभागीय कर्मचारियों का पहरा बिठा दिया है। जिसको लेकर राइस मिलर मालिकों में गहरा आक्रोश है। खाद्य एवं आपूॢत विभाग, हैफेड व वेयरहाऊस के अधिकारियों की अगुवाई में राइस मिलर्स के बाहर तैनात पुलिस कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि स्टाक की फिजीकल वैरीफिकेशन पूरी होने तक मिल में किसी को भी अंदर या बाहर नहीं जाने दिया जाए। विभिन्न विभागों की टीमों ने धर्मनगरी में दस्तक दे दी है। करीब 2 दर्जन टीमें जिले की 238 राइस मिलों की फिजीकल वैरीफिकेशन 22 नवम्बर से आरंभ करेगी। जिसके लिए प्रशासन ने राइस मिलरों पर कड़ी निगरानी और पुलिस की गश्त लगा दी है ताकि मिलर्स स्टाक बाहर न ले जा सकें। सरकार के इस आदेश के खिलाफ प्रदेश के राइस मिल संचालक लामबंद हो गए हैं।
उन्होंने वीरवार को रेलवे रोड स्थित एक निजी होटल में बैठक की और फैसला किया कि जब तक हरियाणा के राइस मिलर्स परिसर से पुलिस नहीं हटाई गई तब तक राइस मिलर्स का काम बंद रहेगा। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा राइस मिलर्स एसो. के चेयरमैन ज्वैल सिंगला ने की। राइस मिलर्स ने मिलों को पुलिस की छावनी में तब्दील करने के निर्णय की आलोचना की। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने व्यापारी व आपराधिक व्यक्ति में कोई फर्क नहीं समझा। ज्वैलर्स सिंगला ने कहा कि सरकार धान की फिजिकल वैरीफिकेशन करवाना चाहती है, जिसमें मिलरों को कोई ऐतराज नहीं है। रात 12 बजे भी वह अपने धान जांच करवा सकते हैं। इसमें मिलर्स सरकार को पूरा सहयोग देंगे परंतु बेवजह बेय का माहौल बनाना सरासर गलत है। राइस मिलर्स प्रदेशाध्यक्ष हंसराज सिंगला ने कहा कि अगर सरकार की मनसा व्यापारियों को जेल भेजने की है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।
सरकार चाहे हमें जेल में बंद करवा सकती है, जब तक चावल की डिलीवरी न हो जाए। सरकार ने आधी रात को पुलिस भेजकर व्यापारियों की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया है। उपप्रधान विनोद गोयल का कहना है कि हम सरकार को धान लौटाने को तैयार हैं, सरकार हमें स्थान बताए। हम 2 दिनों के अंदर धान लौटा देंगे। कोई भी मिलर इन हालातों में मिङ्क्षलग नहीं करना चाहता। सरकार मिलर को चावल की मिङ्क्षलगकी एवज में 10 रुपए प्रति किं्वटल देती है, जोकि ऊंट के जीरे के समान है। यदि सरकार ने अपना रवैया ने बदला तो कल से कस्टम मिङ्क्षलग के चावल की डिलीवरी पूरे प्रदेश में रोक दी जाएंगे। इस अवसर पर नरेंद्र बंसल तरावड़ी, जितेंद्र अग्रवाल अम्बाला, राकेश अग्रवाल शाहाबाद, प्रमोद धवन लाडवा, राजेंद्र चहल करनाल आदि सैंकड़ों मिल मालिक थे।