Edited By Isha, Updated: 03 Dec, 2019 10:26 AM
इन दिनों जिले में सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों का भारी टोटा बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले सिविल अस्पताल में 66 स्वीकृत पदों पर मात्र 16 डाक्टर ही कार्यरत........
भिवानी (ब्यूरो) : इन दिनों जिले में सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों का भारी टोटा बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले सिविल अस्पताल में 66 स्वीकृत पदों पर मात्र 16 डाक्टर ही कार्यरत हैं। इसके चलते जहां जिले के लोगों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है तो निजी अस्पतालों के संचालक मोटा पैसा कमा रहे हैं। इससे खासकर गरीब लोगों को बहुत आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
यहां बता दें कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओ.पी.डी. की फीस मात्र 5 रुपए है। उसके बाद मरीज को चैकअप के बाद सरकारी अस्पतालों में दवाइयां भी मुफ्त में दी जाती हैं। हालांकि एकाध दवाई ऐसी होती है जो सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल पाती, जिन्हें मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ता है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में मरीजों के सभी तरह के चैकअप और यहां तक की अल्ट्रासाऊंड भी मुफ्त में किए जाते हैं।