ऐसा कौन सा नेक काम किया कि सरकार इनको पद्म पुरस्कार दे रही है, यहां जानें

Edited By Shivam, Updated: 28 Jan, 2019 10:03 PM

government announced to give padma bhooshan award to darshanlal

यमुनानगर के दर्शनलाल जैन के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं। दर्शनलाल जैन ने केन्द्र एवं राज्य सरकारों का धन्यावाद करते हुए इसे हरियाणा प्रदेश की सभ्यता और संस्कृति का सम्मान बताया। दर्शनलाल को भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजने की...

यमुनानगर(सुमित): यमुनानगर के दर्शनलाल जैन के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं। दर्शनलाल जैन ने केन्द्र एवं राज्य सरकारों का धन्यावाद करते हुए इसे हरियाणा प्रदेश की सभ्यता और संस्कृति का सम्मान बताया। दर्शनलाल को भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजने की घोषणा गणतंत्र दिवस पर की है। गौरतलब है कि समाज सेवी दर्शनलाल जैन ने सरस्वती नदी की खोज में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। दर्शनलाल जैन के अथक परिश्रम और निशानदेही पर हरियाणा के यमुनानगर जिले में कई जगह से सरस्वती नदी की भूमिगत धारा को खोज निकाला जा चुका हैं, इसलिए भारत सरकार ने उन्हें देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है।

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समाजसेवी दर्शनलाल को यदि 'कलयुग के भागीरथ' की संज्ञा दी जाए तो वो जाया नहीं होगी, क्योंकि जिस प्रकार सतयुग में भागीरथ मुनि ने कठिन तप और परिश्रम करने के बाद गंगा नदी को धरती पर अवतरित किया था। ठीक उसी तर्ज पर आज कलयुग में दर्शनलाल जैन ने भी अपना पूरा जीवन सरस्वती नदी की खोज को समर्पित कर दिया।

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उनकी कठिन मेहनत एवं परिश्रम का ही नतीजा है कि उनकी निशान देही पर हरियाणा सरकार ने समय के साथ-साथ लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की धारा को यमुनानगर के मुगलवली गांव एवं आदिबद्री से खोज निकला। दर्शनलाल जैन को 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए पद्म भूषण सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा की गई। भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिलने की खबर सुनने के बाद दर्शनलाल जैन की खुशी का ठिकाना नहीं हैं, उन्होंने इसे हरियाणा कीसांस्कृति का सम्मान बताते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकारों का आभार प्रकट किया।

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दर्शनलाल जैन ने सरस्वती नदी की खोज में तय की गई अपनी लम्बी यात्रा की कुछ महत्वपूर्ण बातों को सांझा करते हुए कहा कि यह राह इतनी आसान नहीं थी। शुरूआती दौर में हर कदम पर उन्हें रूकावटें मिली। जैसे यूपीए-(वन) सरकार ने रामसेतु की तरह भगवान राम और सरस्वती नदी के अस्तित्व को ही मानने से इंकार कर दिया था। और इसे समय, पैसे और उर्जा की बर्बादी करार दिया था। लेकिन यूपीए-(टू) सरकार द्वारा नदी की खोज को स्वीकृति देते हुए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई। जिसके बाद सरस्वती नदी की खोज का ऐतिहासिक काम शुरू हुआ। 

उन्होंने बताया कि सेटेलाइट चित्रों के माध्यम से यह भी पता चल पाया कि हरियाणा की ज्यादातर आबादी भूमिगत हो चुकी सरस्वती नदी के किनारे पर बसी हुई हैं। दर्शनलाल जैन ने एक विशेष बातचीत में बताया कि आज जब कई जगहों से सरस्वती नदी की धारा प्रकट हो चुकी हैं, बीजेपी सरकार द्वारा उन्हें इस ऐतिहासिक कार्य के लिए सम्मानित किया गया। दर्शनलाल जैन ने यह भी बताया कि इस सम्मान से हरियाणा की सभ्यता और सांस्कृति को भी मान्यता मिली हैं। और वास्तव में यह सम्मान केवल उन्हीं का नहीं बल्कि पूरे हरियाणा का सम्मान हैं।

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