Edited By Shivam, Updated: 26 Jul, 2021 05:41 PM
जहां खेल-कूद के क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं ने अमिट छाप छोड़ी है वहीं पढ़ाई के क्षेत्र में भी हरियाणवी युवाओं ने धाक जमाना शुरू कर दिया है। हरियाणा के जिला चरखी दादरी के गांव समसपुर निवासी जितेंद्र फौगाट उर्फ जीतू को गूगल ने 1.8 करोड़ प्रतिवर्ष के...
चरखी दादरी (नरेन्द्र): जहां खेल-कूद के क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं ने अमिट छाप छोड़ी है वहीं पढ़ाई के क्षेत्र में भी हरियाणवी युवाओं ने धाक जमाना शुरू कर दिया है। हरियाणा के जिला चरखी दादरी के गांव समसपुर निवासी जितेंद्र फौगाट उर्फ जीतू को गूगल ने 1.8 करोड़ प्रतिवर्ष के पैकेज के साथ नौकरी दी है। नौकरी मिलने पर जितेंद्र के परिजनों ने मिठाइंया वितरित कर खुशियां मनाई। जितेंद्र ने कहा कि मैं अपने क्षेत्र के बच्चों के मार्गदर्शन के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा।
गांव समसपुर निवासी जितेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा चरखी दादरी के केन स्कूल से हुई। उसके बाद लिंगायत यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक की फिर इंफोसिस कंपनी में चंडीगढ़ ऑफिस में कुछ समय तक सेवाएं दी। बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में उच्च शिक्षा के लिए यूएसए चला गया।
जितेंद्र ने बताया कि उसका सपना गूगल में जाने का था, इसके लिए उसने 7-8 घंटे प्रतिदिन कठोर परिश्रम किया इंटरव्यू की तैयारी की, क्योंकि गूगल में 0.2 प्रतिशत ही सफलता की दर होती है। मैंने लगभग 7 महीने की तैयारी के बाद अप्लाई किया तो मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं कि मेरा चयन गूगल में हो गया। मेरा सपना सच हुआ और मुझे अच्छा पैकेज मिला।
जितेंद्र के अनुसार मैं अपने काम के माध्यम से दुनिया भर के लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की उम्मीद करूंगा। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने कठोर मेहनत दोस्तों गुरुजनों वह परिवारजनों के आशीर्वाद दिया। जितेंद्र के पिता रणवीर फौगाट अंग्रेजी प्राध्यापक के पद से हाल में सेवानिवृत्त हुए हैं व उनकी माता रोशनी देवी गृहणी हैं।
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