हरियाणा बोर्ड का दिव्यांग छात्रा के साथ भद्दा मजाक, मैथ में दिए 2 नंबर, री-चेकिंग में आए 100 अंक

Edited By Isha, Updated: 07 Aug, 2020 02:16 PM

हिसार के चौधरी वास गांव मेंं रहने वाले दिव्यांग छात्रा के सुप्रिया के साथ हरियाणा विद्यालय भिवानी बोर्ड ने खिलवाड किया है। खिलवाड ही नही बल्कि उसके साथ भद्दा मजाक किया है

हिसार(विनोद): हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। यहां एक छात्रा का 10वीं की परीक्षा में गणित में महज 2 अंक मिले। उसने री-चेकिंग कराई तो उसे 100 में से 100 अंक मिले। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड  ने गांव चौधरीवास की रहने वाली दिव्यांग छात्रा सुप्रिया के साथ ये भद्दा मजाक किया है।  
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दरअसल सुप्रिया के अन्‍य सभी विषयों में 90 फीसद से ऊपर नंबर हैं। गणित में दो नंबर देखकर सुप्रिया काफी दुखी हुई और गुमसुम रहने लगी। सुप्रिया के पिता छाज्जू राम निजी स्कूल में गणित के शिक्षक हैं। उन्हें भी सुप्रिया के नंबरों पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने खुद पेपर के विषय में सुप्रिया से जानकारी ली थी और उसके सभी प्रश्नों के उत्तर ठीक थे।  इसके बाद सुप्रिया के पिता ने री-चेकिंग का फार्म भरा। अब सुप्रिया के 100 में से 100 अंक आए हैं। सुप्रिया गरीब परिवार से है।
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बोर्ड की लापरवाही पूरे परिवार पर पड़ी भारी
बोर्ड के चक्कर काटने और फार्म भरने में करीब पांच हजार रुपये परिवार के खर्च हो गए। पिता छाज्जू राम ने बताया कि बोर्ड की लापरवाही के कारण उनको आर्थिक नुकसान तो हुआ ही साथ ही पूरे परिवार को मानसिक रूप से परेशानी अलग से हुई। री चेकिंग का फार्म भरने के बाद सुप्रिया ने बोर्ड की परीक्षा में हिंदी में 91, अंग्रेजी में 99, गणित में 100 में से 100, एसओएस में 89, एससीटी में 98 और एमएचवी में 99 अंक आए हैं।
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सुप्रिया ने 500 में से 489 अंक किए हासिल 
सुप्रिया ने बोर्ड की परीक्षा में हिंदी में 91, अंग्रेजी में 99, गणित में 100 में से 100, एसओएस में 89, एससीटी में 98 और एमएचवी में 99 अंक आए हैं। उसने 500 में से कुल 489 अंक हासिल किए है।सुप्रिया की आंखों की रोशनी काफी कम है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए नियम है कि वह परीक्षा में अपने साथ राइटर ले जाते हैं। गणित के पेपर सभी विषयों से अलग होते हैं। इसमें ए, बी और सी कोड के प्रश्न पेपर आते हैं। राइटर का काम प्रश्न बोलना और परीक्षार्थी जो उत्तर देता है, वह लिखना होता है।छाज्जूराम ने बताया कि सुप्रिया की गणित की उत्तर पुस्तिका नार्मल विद्यार्थियों के साथ चेक कर दी गई जिसके कारण उसके उत्तर अलग दिखे और उसे महज दो नंबर ही मिल पाए। पिता ने बताया कि जब उन्होंने सुप्रिया की उत्तर पुस्तिका निकलवाई तो पता चला की इसके सभी उत्तर ठीक हैं।
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सुप्रिया बोली- दिव्यांग छात्रा के साथ ऐसा न करें
पीडित छात्रा सुप्रिया ने कहा कि उसने सभी पेपर अच्छे किया थे पंरतु उसे गणित की परीक्षा में 2 अंक दिए गए जिसके कारण परेशानी हुई खाना पीना बंद कर दिया। बाद  में रिचैकिग के दौरान परिणाम आया है जिसमें 100-100 अंक आए। उनकी बोर्ड के अधिकारियों से मांग है कि ऐसा किसी अन्य दिव्यांग छात्रा के साथ न हो।
 

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