Edited By vinod kumar, Updated: 14 Apr, 2020 04:31 PM
इधर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा की, वहीं उधर शैल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया। इन मजदूरों ने गांव भेजने की जिद्द कर मंगलवार को खाना नहीं खाया।
हांसी(संदीप सैनी): कभी-कभी समाज की छोटी-छोटी घटनाओं से हमें बड़ी प्रेरणा मिलती है। हांसी महिला थाने के स्टाफ द्वारा लॉकडाउन में अपने वेतन से जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाने की खबर को सोशल मीडिया पर देख एक 10 वर्षीय मासूम बच्ची अपने गुल्लक की जमा राशि को दान करने थाने में पहुंच गई।
गुल्लक को हाथ में लेकर पिता के साथ थाने पहुंची बच्ची को देखकर थाना इंचार्ज भी इमोशनल हो गई। पहले तो थाना प्रभारी ने पैसे लेने से इंकार कर दिया लेकिन फिर बच्ची की भावनाओं की कद्र करते हुए कैश के बजाए गुल्लक में जमा पैसों का राशन दान देने की बात कही। जिसके बाद बच्ची के पिता डॉ ज्योती ने बाजार से राशन लाकर स्टाफ को दे दिया।
दरअसल, महिला थाने का पूरा स्टाफ लॉकडाउन में हर रोज जरुतमंदों लोगों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध करवा रहा है। ये खबर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। गोल गोठी इलाके में रहने वाली 5वीं कक्षा में पढ़ने वाली मासूम बच्ची प्रीत चावला ने ये खबर देखकर अपने पिता डॉ ज्योती से कहा कि पापा मैं भी अपने गुल्लक में जमा सारे पैसे पुलिस को दूंगी।
बच्ची के पिता ने बताया कि पहले तो उन्होंने अपनी बेटी की बात को मजाक में लिया, लेकिन बेटी ने तो जिद्द ही पकड़ ली। आखिर वह बेटी के साथ गुल्लक में जमा 3600 रुपये को सहयोग राशि के रूप में देने थाने पहुंच गए। प्रीत चावला ने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा की पुलिस इतना अच्छा काम कर रही है।
बच्ची की भावना को देखकर लिया सहयोग
महिला थाना इंचार्ज निर्मला ने बताया की महिला थाने का पूरा स्टाफ अपने स्वयं के सहयोग से ही भोजन उपलब्ध करवा रहा है। एक बच्ची अपने गुल्लक में जमा पैसे देने थाने आ गई। पहले तो मैंने पैसे लेने से मना कर दिया, लेकिन फिर बच्ची का चेहरे मायूस हो गया तो मैंने उसके पिता से कुछ पैसों का राशन लाने की बात कही। बच्ची के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरे स्टाफ ने कामना की।