Edited By Isha, Updated: 20 Mar, 2021 09:36 AM
: मलिक गोत्र की गठवाला खाप ने शुक्रवार को अपने संस्थापक दादा घासी राम की 158वीं जयंती पर घूंघट प्रथा को सदा के लिए अलविदा कह दिया। शहर में बरोदा रोड पर स्थित मलिक भवन में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जयंती बड़ी सादगी से मनाई गई। जयंती
गोहाना (अरोड़ा): मलिक गोत्र की गठवाला खाप ने शुक्रवार को अपने संस्थापक दादा घासी राम की 158वीं जयंती पर घूंघट प्रथा को सदा के लिए अलविदा कह दिया। शहर में बरोदा रोड पर स्थित मलिक भवन में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जयंती बड़ी सादगी से मनाई गई। जयंती समारोह में घोषणा की गई कि अब घूंघट प्रथम नहीं रहेगी, बुजुर्गों का मान-सम्मान करने के लिए खाप की महिलाओं के लिए सिर पर पल्लू रखना ही अब काफी होगा।
दादा घासी राम के जयंती समारोह की अध्यक्षता खाप के दादा बलजीत सिंह मलिक ने की। समारोह में दहेज मुक्त शादियों के साथ दिन के समय शादियां करने पर जोर दिया गया। भाईचारा बढ़ाने और जरूरतमंदों की मदद के लिए हैल्पलाइन शुरू करने का निर्णय किया गया। इस हैल्पलाइन नम्बर पर फोन करने पर जरूरतमंद मलिक बंधुओं को यथाशीघ्र और यथासम्भव सहायता करने का प्रयास किया जाएगा।
जयंती समारोह में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के लिए गठवाला खाप के आंदोलन का समर्थन फिर से दोहराया गया। सर्वखाप पंचायत और पूर्व सैनिक संघ के प्रवक्ता जगबीर सिंह मलिक ने कहा कि जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है, दिल्ली रोड पर स्थित गांव कहलावड़ में दिन-रात भंडारा चलाकर आंदोलनकारी किसानों की भोजन से सेवा की जा रही है। यह भंडारा मलिक गोत्र के गांव चला रहे हैं।
दादा घासीराम के जयन्ती समारोह में विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर कुलबीर सिंह मलिक, रोहतक आकाशवाणी केन्द्र के पूर्व निदेशक धर्मपाल सिंह मलिक के साथ सतबीर सिंह मलिक, जसबीर सिंह मलिक, शमशेर सिंह मलिक, साहब सिंह मलिक, राजबीर सिंह मलिक, राजेन्द्र सिंह मलिक, दलजीत सिंह मलिक सहित विभिन्न तपेदार और थांबेदार पहुंचे।
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