गुरुग्राम में बढ़ा गैंगवार का खतरा, पुलिस मुस्तैद

Edited By Deepak Paul, Updated: 29 Jan, 2019 10:00 AM

gangway danger police stationed

सप्ताहभर पहले गुरुग्राम के शिवाजी नगर क्षेत्र में जयदेव उर्फ जे.डी. की हत्या के बाद गुरुग्राम पुलिस की सिरदर्दी बढ़ गई है। हालांकि, हत्या के आरोप में एक युवक को काबू किया गया है जो कौशल गैंग का सदस्य बताया जा रहा है लेकिन अब दोनों गैंगों में गैंगवार...

अम्बाला(रवीन्द्र पाण्डेय): सप्ताहभर पहले गुरुग्राम के शिवाजी नगर क्षेत्र में जयदेव उर्फ जे.डी. की हत्या के बाद गुरुग्राम पुलिस की सिरदर्दी बढ़ गई है। हालांकि, हत्या के आरोप में एक युवक को काबू किया गया है जो कौशल गैंग का सदस्य बताया जा रहा है लेकिन अब दोनों गैंगों में गैंगवार होने की आशंका है। ऐसे में पुलिस के लिए गुरुग्राम में आगामी कुछ दिन चुनौती भरे हो सकते हैं। गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जिस आरोपी को काबू किया है उसका नाम पवन उर्फ काली है जिसने अपने साथियों के साथ घटना को अंजाम देने से पहले जे.डी. के ठिकाने की रैकी की थी। पुलिस अब घटना में शामिल दूसरे आरोपियों को पकडऩे के लिए आरोपी से पूछताछ कर रही है। इधर, गुरुग्राम में लंबे समय बाद पुलिस के लिए गैंगवार बड़ी चुनौती बन सकता है। 

बता दें कि गत बुधवार को गुरुग्राम के शिवाजी नगर क्षेत्र में 3 नकाबपोश युवकों ने ङ्क्षबदर गुर्जर गैंग के सदस्य जयदेव को गोलियों से भून डाला था। वारदात सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो गई जिसके आधार पर पुलिस ने छापेमारी शुरू की। गत दिवस गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच को इस मामले में बड़ी सफलता मिली जब मामले से जुड़े पवन उर्फ काली को काबू कर लिया गया। बताया गया है कि पवन कौशल गैंग का सदस्य है। खास बात यह है कि पुलिस पहले दिन से ही मामले को गैंगवार से जोड़कर देख रही थी और शक की सुई सीधे तौर पर कौशल गैंग पर गई थी, क्योंकि दोनों गैंगों में पुरानी रंजिश है। पुलिस ने बताया कि इससे पहले कौशल गैंग के 2 सदस्य चांद व विकास हत्या के मामले में गिरफ्तार हो चुके थे। आरोप है कि इन दोनों ने सुमेर यादव नम्बरदार की हत्या कर दी थी। 

चांद कौशल गैंग का तीसरे नम्बर का सदस्य रहा है। जमीनों पर कब्जे को लेकर दोनों गैंगों में पुराने समय से खींचतान चलती रही है और कई बार तो दोनों में गैंगवार हो चुका है। अब पुलिस को यही आशंका है कि जयदेव की हत्या के बाद दोनों गैंग फिर से सक्रिय हो जाएंगे और गैंगवार की संभावना बढ़ जाएगी। ऐसे में क्राइम ब्रांच लगातार कौशल गैंग के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। 

अभी सक्रिय है कौशल गैंग 
गुरुग्राम में हाल के समय में कौशल गैंग के सदस्य काफी सक्रिय हैं। एक मामले में कौशल को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन पैरोल पर आने के बाद वह फरार हो गया। हालांकि उसका राइट हैंड अमित डागर जेल में है। हाल के समय में अधिकतर वारदातों में इस गैंग का नाम सामने आया है। माना जा रहा है कि फरार होने के बाद कौशल थाईलैंड चला गया और अब वहीं से अपना गैंग संचालित करता है।

एस.टी.एफ. ने कसी नकेल
यू.पी. की तर्ज पर हरियाणा में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एस.टी.एफ. का गठन किया गया। इसका मुख्यालय गुरुग्राम में बनाया गया है। एस.टी.एफ. के गठन के बाद कई मोस्टवांटेड अपराधियों को उसने मार गिराया जिसमें बलराज भाटी भी थी। इसके अलावा एस.टी.एफ. ने संपत नेहरा को भी गिरफ्तार किया जो लारेंस गैंग का सदस्य है। एस.टी.एफ. की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अपराधियों में खौफ तो जरूर है लेकिन इसके बावजूद भी कुछ बड़े गैंग यहां 
सक्रिय हैं।

गैंगवार में जा चुकी है कई लोगों की जान
पहले संदीप गाडौली और ङ्क्षबदर गुर्र्जर के गैंग के बीच कई बार गैंगवार हो चुकी है। जब संदीप की एनकाऊंटर में मौत हो गई उसके बाद संदीप के गैंग ने ङ्क्षबदर के लोगों को निशाने पर ले लिया। करीब 3 साल पहले बिंदर के भाई मनीष की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं महेश अटैक की हत्या भी इसी से जुड़ी थी। सितम्बर 2017 में गैंगस्टर कौशल के राइट हैंड नाहरपुर निवासी अमित डागर की भाभी सविता डागर की भी गैंगवार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहे जॉनी हंस की मां की हत्या कर दी गई थी जिसमें अमित डागर का नाम सामने आया था। 2015 में ङ्क्षबदर गुर्जर के ड्राइवर अशोक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खुद बिंदर पर कई बार जानलेवा हमला हो चुका है। मौजूदा समय में कई बड़े गैंगस्टर भौंडसी जेल में बंद हैं।

खूब चलता था फेक डाक्यूमैंट्स के आधार पर जमीन खरीद-फरोख्त का धंधा 
बिंदर गुर्जर गैंग के सदस्य जे.डी. के बारे में पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह फेक कागजों के आधार पर जमीन की खरीद-फरोख्त का धंधा करता था और यदि कोई व्यक्ति 
इस धंधे में अड़चन बनता था तो उसे रास्ते से किसी भी तरीके से हटा देते थे। कई बार पुलिस के सामने ऐसे मामले आए लेकिन कोई ठोस इलाज नहीं हो पाया जिस कारण धंधा फलता-फूलता गया। हालांकि, पिछले कई वर्षों से इस मामले में काफी शांति रही और अरसे बाद इस मामले में पुलिस की सिरदर्दी बढ़ी है। 

साइबर सिटी में शुरू हो गई है वर्चस्व की लड़ाई
साइबर सिटी हमेशा से बड़े अपराधियों की नजर में रहता है। यहां पर सट्टा, प्रॉपर्टी जैसे कारोबार पर एकछत्र राज स्थापित करने के लिए कई बार लाशें भी गिरी हैं। बड़े व्यापारियों से रंगदारी भी एक तरह से बड़ा व्यवसाय बन चुका है। पहले संदीप गाडौली और ङ्क्षबदर गुर्र्जर के गैंग के बीच कई बार गैंगवार हो चुके हैं। जब संदीप की एनकाऊंटर में मौत हो गई उसके बाद संदीप के गैंग ने ङ्क्षबदर के लोगों को निशाने पर लिया। करीब 3 साल पहले ङ्क्षबदर के भाई मनीष की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं महेश अटैक की हत्या भी इसी से जुड़ी थी।

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