अंतर्राज्यीय लिंग जांच गिरोह का पर्दाफाश, नकली ग्राहक से 40 हजार रुपए में हुआ था सौदा

Edited By Manisha rana, Updated: 28 Aug, 2020 01:30 PM

gang busted deal was made with fake customer for 40 thousand rupees

जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर से अन्तराज्यीय लिंग जांच के खेल पर्दाफास करने में सफलता पाई है। विभाग ने नकली ग्राहक को भेजकर गाजियाबद...

गुडग़ांव (संजय) : जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर से अन्तराज्यीय लिंग जांच के खेल पर्दाफास करने में सफलता पाई है। विभाग ने नकली ग्राहक को भेजकर गाजियाबद में लिंग जांच मे लगें 5 मेें से 3 आरोपियों को मौके से दबोच लिया है। जबकि 2 भागने में सफल रहे। लिंग जांच का सौदा 40 हजार में तय हुआ था जिसमें से पकड़े जाने के बाद 32 हजार रूपए रिकवर कर लिए गए। मामले में शामिल 5 आरोपियों में से 3 को मौके से दबोच लिया गया जबकि 2 भागने में सफल रहे।  

स्वास्थ्य विभाग को मिली गुप्त सूचना के आधार टीम का गठन किया। टीम में एक गर्भवति महिला ने दलाल से संपर्क कर लिंग जांच के लिए 40 हजार रूपए में सौदा तय किया। सौदा तय होने के बुधवार रात 10 बजे गुडग़ांवच बस स्टैंड से दलाल ने महिला को कार में बैठका कर गाजियाबाद स्थित एक निजी अस्पताल ले गया। जिसका ल स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार पीछा कर रही थी। स्वास्थ्य विभाग के पीएनडीटी नोडल अधिकारी डा. अनिल गुप्ता ने बताया दलाल महिला को लेकर मैक्स स्क्वायर स्थित एक निजी अस्पताल ले गया। जहां जहां डा. सुंदर व डा. मो. ओबे नाम के चिकित्सक ने महिला का अल्टासाउंड किया।

अल्ट्रासाउंड के बाद महिला को यह कहकर 15 दिन बाद आने को कहा गया कि आपका बच्चा अभी प्री मैच्योर है। उन सभी को बाहर निकलते ही मौके का इंतजार कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर दी। जहां से अल्ट्रासाउंड मशीन, दवाएं व अन्य कई प्रतिबंधित दवाओं सहित 40 हजार रूपए में से 32 हजार रूपए बरामद कर लिए गए। इसके अलावा विभाग की टीम ने अस्पताल के डा. जितेन्द्र, डा. मो. अब्वे व एक अन्य को मौके से गिरफ्तार कर लिया। जबकि अस्पताल का संचालक जितेन्द्र व एक अन्य भागने में सफल रहे। सभी पांच आरोपियों के खिलाफ स्थानीय थाने में पीएनडीटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा दिया गया है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया।  

सीएमओ डा. विरेन्द्र यादव ने बताया विभाग की कड़ी निगरानी का ही परिणाम है। जिससे लिंगानुपात में चल रहे भारी अंतर अब बराबरी पर आ गया है। मौजूदा समय में जिले का लिंगानुपात प्रति एक हजार लड़कों पर 925 लड़किया है। जबकि इससे पूर्व के वर्षो में यह अंतर प्रति हजार पर 700 से 800 की दरें थी। स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डा. विरेन्द्र यादव ने बताया विभाग की कड़ी निगरानी से ही ये अंतर कम किया जा सका है। ज्ञात हो कि बीते छह माह के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्यीय व अन्र्तराज्यीय सहित आधा दर्जन मामलों का पर्दाफाश करने में सफलता पाई है। 

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