सरकारी कार्यालयों में हड़कंप की वजह बने ‘गब्बर’

Edited By vinod kumar, Updated: 18 Nov, 2019 10:58 AM

gabbar  became the reason for the stir in government offices

गृह मंत्री अनिल विज के शनिवार को दिल्ली जाते हुए रास्ते में पानीपत के एक थाने में औचक छापा मार कर वहां की एक महिला सब-इंस्पैक्टर व एक पुलिस कर्मी को सस्पैंड करने के बाद हरियाणा के सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मच गया है।

अम्बाला(रीटा/ सुमन): गृह मंत्री अनिल विज के शनिवार को दिल्ली जाते हुए रास्ते में पानीपत के एक थाने में औचक छापा मार कर वहां की एक महिला सब-इंस्पैक्टर व एक पुलिस कर्मी को सस्पैंड करने के बाद हरियाणा के सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मच गया है। सबको डर सताने लगा है कि जाने कब गब्बर उनके दफ्तर में आ धमके। अब पुलिस के उन ट्रैफिक कर्मियों को भी चौकन्ना रहना पड़ेगा जो सड़कों व चौकों पर खास तौर पर अन्य राज्यों के वाहनों को रोककर खुलेआम उनसे सुविधा शुल्क बटोरने के लिए मशहूर हैं।

सभी सरकारी दफ्तरों खास तौर पर पुलिस थानों, सिविल अस्पतालों, पॉलीटैक्निक कॉलेजों व नगर पालिकाओं के अफसरों ने विज के गृह मंत्री बनते ही बैठकें बुलाकर अपने कर्मियों को तुरंत प्रभाव से अपनी-अपनी ब्रांचों को चुस्त-दुरुस्त करने व चौकस रहने के निर्देश जारी करने शुरू कर दिए हैं। गृह जैसे सबसे अहम विभाग के मंत्री होने के नाते विज वैसे भी किसी भी दफ्तर की जांच-पड़ताल कर सकते हैं। पानीपत के छापे के बाद वातानुकूलित दफ्तरों में आराम से बैठे अफसरों व बाबुओं की नींद हराम हो गई है। सभी को अंदाजा है कि एक बार कार्रवाई करने के बाद विज के खाते में माफी या पुनॢवचार का कोई कालम नहीं है।

विज के पिछले कार्यकाल में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी उनके तल्ख तेवरों से पूरी तरह वाकिफ हैं। कहा जा रहा है कि विज की सख्ती को देखकर अन्य मंत्री भी ऐसा ही कुछ करने की कोशिश करेंगे जिससे अब ब्यूरोक्रेसी फील्ड में नजर आनी शुरू हो जाएगी। इससे सरकारी दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार पर तो अंकुश लगेगा ही साथ-साथ आम आदमी भी किसी ज्यादती के खिलाफ खड़ा होने की हिम्मत जुटाने लगेगा। 
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इस बार लेने होंगे कुछ कड़े फैसले 
माना जा रहा है कि अनिल विज की कोशिश होगी कि हर हाल में सरकार की छवि को बेहतर बनाया जाए, चाहे इस बार इसके लिए कितने ही कड़े फैसले क्यों न लेने पड़ें। कहा जा रहा है कि उनकी यह भी कोशिश होगी कि ऐसा कुछ किया जाए जिससे पार्टी का आम कार्यकत्र्ता व आम आदमी अपने आपको सरकार से जुड़ा महसूस करे और उसे यह न लगे कि उसे अनदेखा किया जा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व भारतीय जनता युवा मोर्चा में अहम ओहदों पर रहने के नाते विज को संगठन की भी खूब समझ है जिसका इस्तेमाल वह सरकार और संगठन में समन्वय के लिए कर सकेंगे।

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