Edited By Updated: 21 Apr, 2017 04:13 PM
केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि पी.यू. में फंडों की इतनी कमी क्यों है। यू.पी.ए. सरकार के समय देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पी.यू. को फंडों की कमी नहीं आने दी।
चंडीगढ़:केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि पी.यू. में फंडों की इतनी कमी क्यों है। यू.पी.ए. सरकार के समय देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पी.यू. को फंडों की कमी नहीं आने दी। यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य कुमारी शैलजा का। वीरवार को भूख हड़ताल पर बैठे एन.एस.यू.आई. सदस्यों से मिलने के लिए शैलजा पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंची थीं। शैलजा ने कहा कि पी.यू. में फंडों की कमी को पूरा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
यह जिम्मेदारी उन्हें ही निभानी चाहिए। इस जिम्मेदारी को निभाने में केंद सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। केंद्र में भाजपा की सरकार को तीन साल हो गए हैं और उस दौरान पंजाब में अकाली-भाजपा की सरकार थी तो फंड की कमी नहीं आनी चाहिए थी पर फंड को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। अब पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र की सरकार को बने हुए एक माह ही हुआ है और पी.यू. को फंड मिले इसके लिए कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि 20 करोड़ के फंड की समस्या एक दिन में नहीं आई है, बल्कि यह समस्या पिछले तीन वर्षों से चल रही है। शैलजाने कहा कि मैं कैंपस में राजनीतिक नेता के तौर पर नहीं आई हूं। मैंने कैंपस से पढ़ाई की है। आज स्टूडैंट्स पर समस्या आई है, इसलिए मैं कैंपस में बच्चों की समस्या सुनने के लिए आई हूं। शैलजा ने कहा कि वह फीस बढ़ोतरी के मुद्दे को ससंद में उठाएंगी। एस.वाई.एल. मुद्दे पर शैलजा ने कहा कि हरियाणा और पंजाब भाई-भाई है। इसलिए हरियाणा को उसका हक मिलना चाहिए।