Edited By Deepak Paul, Updated: 03 Sep, 2018 03:51 PM
देश में आज तक जितने भी बड़े पहलावनों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाई है, सभी मिट्टी के अखाड़ों से शुरुआत कर बड़े पहलवान बने है। इसी तरह के पहलवान तैयार करने व कुश्ती की ओर बच्चों का रुझान करने के लिए कई दोस्तों ने मिलकर रोहतक में मिनी...
रोहतक(दीपक भारद्वाज): देश में आज तक जितने भी बड़े पहलावनों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाई है, सभी मिट्टी के अखाड़ों से शुरुआत कर बड़े पहलवान बने है। इसी तरह के पहलवान तैयार करने व कुश्ती की ओर बच्चों का रुझान करने के लिए कई दोस्तों ने मिलकर रोहतक में मिनी दंगल की शुरुआत की है, जिसमें पहले तो किसी ने रूची नहीं दिखाई, लेतकिन अाज वहां लगभग 200 पहलवान दंगल करने पहुंचते हैं।
कोच का कहना है कि आज के हाईटेक समय में बच्चों का रुझान गलत कामों की ओर ज्यादा होने लगता है, लेकिन अगर सही दिशा दी जाए तो वह उसी ओर ढल जाते है। इसी सोच के साथ सांपला कस्बे के रहने वाले कई दोस्तों ने बातों-बातों में छोटे बच्चों का कुश्ती दंगल करवाने की सलाह बना ली। शुरुआत में ज्यादा बच्चे नही पहुंचे, लेकिन अब तो इस दंगल का इंतजार रहता है, यही नही आसपास के गांवों से बच्चे व अखाड़ों के पहलवान अब इस दंगल में हाथ आजमाने लगे हैं।
सांपला में अखाड़ा संचालक जोगेंद्र पहलवान ने बताया कि मिट्टी के दंगल का अपना ही महत्व है। आज जो भी बड़े पहलवान है वे इन्ही मिट्टी के दंगलों से निकले हैं। ईसलिए इस दंगल की शुरुआत की गई है, ताकि बच्चों का कुश्ती के प्रति रुझान बढ़ सके। भविष्य में इन्ही बच्चों में से योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया व सुशील कुमार जैसे पहलवान निकलेंगे। हर दंगल में पहलवान बढ़ते ही जा रहे हैं और देखने वाले भी इसमें काफी रुचि ले रहे हैं।