कोरोना रिलीफ फंड के नाम पर जबरन काट ली 10 प्रतिशत सैलरी, कर्मचारियों में रोष

Edited By Shivam, Updated: 06 May, 2020 06:08 PM

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि वाईएमसीए यूनिवर्सिटी प्रशासन सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना रिलीफ फंड के नाम पर कर्मचारियों के सैलरी से जबरन कटौती कर रहा है। जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

फरीदाबाद (सूरजमल): सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि वाईएमसीए यूनिवर्सिटी प्रशासन सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना रिलीफ फंड के नाम पर कर्मचारियों के सैलरी से जबरन कटौती कर रहा है। जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। 

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि वाईएमसीए यूनिवर्सिटी इंप्लाईज एसोसिएशन ने सकसं को पत्र लिखकर बताया कि एसोसिएशन के विरोध के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारियों के मार्च महीने के सैलरी से जबरन 10 प्रतिशत राशि हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड के नाम पर काट ली। जबकि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सरकार ने कर्मचारियों व अधिकारियों से स्वेच्छा से रिलीफ फंड में दान देने का आग्रह किया था। सरकार ने इसके लिए बकायदा एक एप पर लिंक भी सभी कर्मचारियों को भेजा गया था। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए यूनिवर्सिटी के वीसी व रजिस्ट्रार ने अपने आकाओं को खुश करने और सरकार की नजरों में नंबर बनाने के लिए सभी कर्मचारियों की इच्छा के विरुद्ध दस प्रतिशत सैलरी की कटौती कर दी। जो पूरी तरह अनुचित है। 

उन्होंने बताया कि एप के जरिए ही सभी विभागों के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से 100 करोड़ से ज्यादा रिलीफ फंड में दान दिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने बताया कि अप्रैल महीने के सैलरी से कोई भी कटौती करने का निर्देश सरकार ने नहीं दिया है। इसके बावजूद अपने आकाओं के यहां नंबर बनाने के लिए युनिवर्सिटी के वीसी ने 1 मई को अप्रैल महीने के सैलरी से एक बार फिर सभी कर्मचारियों के सैलरी से एक दिन का सैलरी की कटौती करने के फरमान जारी कर दिए हैं। जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन विरोध को सुनने तक तैयार नहीं है। 

सुभाष लांबा ने बताया कि उनके संज्ञान में जब यह मामला एसोसिएशन द्वारा लाया गया तो उन्होंने इस मामले में रजिस्ट्रार से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन एटैंड नहीं किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने दो टूक कहा है कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जबरन कटौती की गई राशि को वापस नहीं किया और अप्रैल महीने के सैलरी से एक दिन का सैलरी रिलीफ फंड के लिए काटने के आदेश वापस नहीं लिया तो प्रशासन की शिकायत महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, एसीएस हायर एजुकेशन, डारेक्टर टेक्नीकल एजूकेशन हरियाणा को कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वाईएमसीए यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने बकायदा लिखकर दिया था कि मार्च महीने के सैलरी से रिलीफ फंड में एक दिन का सैलरी की कटौती की जाए। लेकिन इसको अनदेखा कर दस प्रतिशत सैलरी काट लिया गया।

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