पहली बार एयरफोर्स के रनवे पर उतरेंगे घरेलू फ्लाइट के विमान, वायुसेना ने दी इजाजत

Edited By Manisha rana, Updated: 11 Apr, 2021 10:55 AM

for the first time domestic flight planes will land runway air force

अम्बाला से घरेलू विमान सेवा शुरू करने के लिए अब अब सारी अडचनें व औपचारिकताएं तकरीबन खत्म हो गई हैं और अब उम्मीद की जा रही है कि अगले 2-3 सालों में यहां के लोग देश में कई बड़े शहरों...

अम्बाला : अम्बाला से घरेलू विमान सेवा शुरू करने के लिए अब अब सारी अडचनें व औपचारिकताएं तकरीबन खत्म हो गई हैं और अब उम्मीद की जा रही है कि अगले 2-3 सालों में यहां के लोग देश में कई बड़े शहरों में आने-जाने के लिए विमान सेवा का लुत्फ उठा पाएंगे। अम्बाला के विमान सेवा के मानचित्र में आ जाने से कई क्षेत्रों में तरक्की के नए दरवाजे खुलेंगे। यहां के लोग इसे विज की अम्बाला को दी जाने वाली सबसे बड़ी सौगात मान रहे हैं। गृहमंत्री अनिल विज जो अम्बाला छावनी के विधायक भी हैं पिछले कई सालों से इसे सिरे लगाने की कोशिश में जुटे हुए थे।

डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लिए केवल जमीन ही नहीं बल्कि वायुसेना के एक अति संवेदनशील रनवे का इस्तेमाल करना एक टेड़ा काम था। विज ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके करके इस सबसे बड़ी दिक्कत को जैसे-कैसे सुलझा लिया। अम्बाला एयरबेस पर राफेल मिग-21 व जेगुआर जैसे कई लड़ाकू विमानों का बेडा तैनात हैं। यहां पायलटों के विमान उड़ान का प्रशिक्षण भी होता है। वैसे भी एयरबेस के आसपास का इलाका नो फ्लाइंग जोन घोषित किया हुआ है। करीब 100 साल बाद पहली बार इस रनवे का इस्तेमाल गैर सामरिक काम के लिए भी होगा।

सामरिक लिहाज से एयरबेस काफी संवेदनशील
सामरिक लिहाज से यह एयरफोर्स स्टेशन काफी संवेदनशील व महत्वपूर्ण है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के लिए भी लड़ाकू विमानों ने यहीं से उड़ान भरी थी। शायद यही वजह थी कि 2018 में घरेलू एयरपोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद करीब 3 सालों तक अम्बाला एयरबेस के रनवे के इस्तेमाल को लेकर वायुसेना में काफी कशमकश चलती रही। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक रक्षामंत्री की दखलंदाजी के बाद रनवे की इजाजत मिल पायी। एयरबेस के आसपास बन रही बहुमंजिला इमारतों को लेकर भी वायुसेना प्रशासन पहले भी कई बार अपनी चिंता जता चुका है।

सुरक्षा व गोपनीयता पर होगा विशेष ध्यान
घरेलू एयरपोर्ट के मामले को लेकर अनिल विज 2 बार रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह से मिले। घरेलू एयरपोर्ट के लिए वायुसेना स्टेशन के आसपास कई जमीनें देखी गई और आखिरकार वायुसेना स्टेशन के बिल्कुल सामने रक्षा विभाग की खाली पड़ी जमीन पर अंतिम मोहर लग गई। रनवे के लिए एयरपोर्ट का एक दरवाजा वायु सेना स्टेशन के अंदर खोला जाएगा। नए एयरपोर्ट का निर्माण करते समय एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा व गोपनीयता का विशेष ध्यान रखना होगा।

एयरपोर्ट की होगी सिंगल टर्मिनल बिल्डिंग  
इस एयरपोर्ट से केवल स्थानीय उड़ानें ही शुरू होनी हैं, इसलिए संभवत: शुरू में यहां सिंगल टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण होगा। इसके डिजाइन व आकार को लेकर भी अभी फैसला होना है। एयरपोर्ट को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडऩे के लिए सेना क्षेत्र की सड़क की चौड़ाई भी बढ़ानी होगी। कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट के चालू होने के बाद अम्बाला छावनी के आसपास के इलाकों में औद्योगिक निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी और संभव है कि कुछ बड़े कारपोरेट घराने भी यहां अपना कोई बड़ा प्रोजैक्ट लगाएं। सबसे ज्यादा रौनक जग्गी सिटी सैंटर व एयरफोर्स स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बढ़ेगी, जहां क्रोकरी व सजावटी सामानों की थोक मार्कीट पिछले कईं सालों से चल रही है। 

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